नाबार्ड के डीडीएम सिद्धार्थ शंकर का तबादला; जैस्मिका बास्के बनाए गए डीडीएम…
सरायकेला Sanjay। राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक(नाबार्ड) के जिला विकास प्रबंधक(डीडीएम) सिद्धार्थ शंकर का तबादला कर दिया गया है। उनके स्थान पर जैस्मिका बास्के को डीडीएम बनाया गया है। शुक्रवार को जैस्मिका बास्के ने निर्वतमान डीडीएम से सरायकेला-खरसावां के साथ पूर्वी सिंहभूम का पदभार ग्रहण किया। ज्ञात हो कि निवर्तमान जिला विकास प्रबंधक सिद्धार्थ शंकर का पदस्थापन नाबार्ड के क्षेत्रीय कार्यालय रांची किया गया है। सिद्धार्थ शंकर ने जैस्मिका बास्के को बेहद सक्षम पदाधिकारी बताते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में नाबार्ड के विभिन्न नई योजनाओं को विस्तार और तीव्रता मिलेगी। इस अवसर पर उप विकास आयुक्त प्रवीण कुमार गागराई ने सिद्धार्थ शंकर को उनके उल्लेखनीय कार्यों के लिए जिला प्रशासन सरायकेला-खरसावां की ओर से स्मृति चिन्ह और प्रशंसनीय पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।
निवर्तमान डीडीएम सिद्धार्थ शंकर ने अपने सात साल के कार्यकाल में पूर्वी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां जिले में विकास के कई आयाम स्थापित किये है। जलछाजन, आदिवासी विकास निधि, उत्पादक समूह, कौशल सह उद्यमिता विकास समेत कई अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं के सफल क्रियान्वयन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और विकास को बढ़ावा दिया। विकास के अंतिम पायदान पर खड़े आदिम जनजाति के जीवन स्तर में सुधार उनकी प्राथमिकताओं में रही और इसी क्रम में नाबार्ड द्वारा वित्तपोषित परियोजनाओं के माध्यम से चांडिल प्रखंड के हेंसाकोचा गांव के दुर्गम पहाड़ स्थित पहाड़िया जनजाति के टोलो जहां पहुंचने के लिए 6 से 7 किमी पैदल चढ़ाई करनी पड़ती है वहां 113 परिवारों के घर में सौर ऊर्जा विद्युतीकरण की व्यवस्था करायी। इसके अतिरिक्त नीमडीह प्रखंड के सबर आदिम जनजाति कामगारों के कौशल विकास तथा विपणन सुविधा प्रदान कर रोजगार सृजन आदि उल्लेखनीय कार्य रहे।