ई-श्रम कार्ड का लाभ उठाने हेतु महिला श्रमिक निबन्धन करायें: आरके गोप…
सरायकेला Sanjay। राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास बोर्ड (श्रम एवं रोजगार मंत्रालय,भारत सरकार) क्षेत्रीय निदेशालय-जमशेदपुर के तत्वाधान में खरसावां प्रखंड के सुदूर वन क्षेत्र ग्राम बीटापुर में स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय प्राँगण में महिला श्रमिकों का “एक दिवसीय एसटीटीपी प्रशिक्षण कार्यक्रम” का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन बोर्ड के वरिष्ठ शिक्षा पदाधिकारी राज किशोर गोप ने किया। उन्होंने ग्रामीण महिला श्रम शक्ति को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार द्वारा 26 अगस्त 2021 से ई-श्रम पोर्टल के अन्तर्गत ग्रामीण एवं असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का निबन्धन प्रारम्भ किया गया है। भारत सरकार इसके तहत 30 करोड़ श्रमिकों का निबन्धन करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। अभी तक देश में निबंधित श्रमिकों की संख्या लगभग 29 करोड़ तक पहुँच चुकी है। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अभी भी कोल्हान प्रमंडल में ग्रामीणों के मध्य जागरूकता की कमी के कारण श्रम शक्ति का बहुत बड़ा वर्ग ई-श्रम कार्ड का निबन्धन से वंचित हैं जो चिन्तनीय है। उन्होंने इस कार्ड से मिलने वाले लाभ से अवगत कराया। श्री गोप ने ग्रामीण क्षेत्र में व्याप्त सामाजिक कुरीतियाँ जैसे नशाखोरी, गरीबी, अशिक्षा तथा बेरोजगारी पर प्रकाश डालते हुए इसके उन्मूलन हेतु शिक्षा की आवश्यकता पर विशेष बल दिया। तथा महिलाओं को एक प्रगतिशील समाज के निर्माण में अपना विशिष्ट योगदान देने हेतु प्रेरित किया।
आगे उन्होंने “श्रम एव जयते” के नारा को बुलन्द करते हुए कहा कि देश के श्रमिकों का सामाजिक एवं आर्थिक विकास कर ही 2047 तक प्रधानमंत्री के विकसित राष्ट्र की कल्पना को साकार किया जा सकता है जिसके लिए बोर्ड देश में 1958 से निरंतर प्रयासरत है। इस अवसर पर सोनाराम महतो (अध्यक्ष) झारखंड सामुदायिक मानव विकास संस्थान तथा वार्ड सदस्य श्रीमती चम्पा हेम्ब्रम भी उपस्थित रहे। सभी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए बोर्ड के प्रशिक्षण कार्यक्रमों को श्रमिकों के मध्य जागरूकता का संचार करने के लिए नितान्त जरूरी बताया। कार्यक्रम का संचालन बोर्ड के कार्यक्रम समन्वयक हेमसागर प्रधान ने किया।
उन्होंने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, मुख्यमंत्री सारथी योजना तथा झारखंड सरकार का बीओसी कार्ड निबन्धन प्रक्रिया के बारे में प्रतिभागियों को जरूरी जानकारी प्रदान किया। कार्यक्रम में 9 स्वयं सहायता समूह की 100 महिलाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में ग्रामीण अनुदेशक विकास प्रमाणिक, स्वयं सहायता समूह की सचिव यशोदा महतो, आंगनबाड़ी सेविका श्रीमती बिंदु देवी, पिंकी महतो, रीता उरांव आदि का विशेष योगदान रहा।