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आरक्षी-हवलदार को पांच साल से नहीं मिल रहा है चुनाव ड्यूटी भत्ता…..

खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं सरायकेला के आरक्षी और हवलदार…..

सरायकेला के 500 आरक्षी और हवलदार हैं परेशान

सरायकेला : चुनाव में ड्यूटी लगाये जाने पर जिला प्रशासन की ओर से अपने कर्मचारियों और अधिकारियों को नकद राशि भत्ता के रूप में दिया जाता है, लेकिन आरक्षी और हवलदारों को पिछले पांच सालों से चुनाव ड्यूटी में मिलने वाला भत्ता बंद है। ऐसे में जिले के बाहर जाकर ड्यूटी करना उनके लिये आसान नहीं है।

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बावजूद वे किसी तरह से अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। सरायकेला के 500 आरक्षी और हवलदार चुनाव ड्यूटी में अपने जिले के छोड़कर दूसरे जिले में ड्यूटी पर भेजे गये हैं। दूसरे चरण में खूंटी, चतरा, कोडरमा और पलामू में उन्हें ड्यूटी दी गयी है। आदित्यपुर इंस्पेक्टर कार्यालय के मनोज शर्मा ने बताया कि यह रोना केवल सरायकेला जिले के पुलिसकर्मियों का नहीं है, बल्कि पूरे राज्य के पुलिसकर्मियों का है।

उन्होंने कहा कि पांच साल पहले तक चुनाव खर्च मिलता था, लेकिन अब बंद है। इस संबंध में सरायकेला-खरसावां पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष आलोक रंजन चौधरी ने कहा कि चुनाव ड्यूटी में लगे जवानों और अधिकारियों के मामले में दोहरा मापदंड अपनाना सही नहीं है। ऐसे में जवानों का मनोबल टूटता है।

जवान और अधिकारी अपनी जान जोखिम में डालकर निष्पक्ष और भयमुक्त चुनाव कराते हैं। ऐसे में समय पर उन्हें भत्ता नहीं मिलेगा तो उन्हें परेशानी होगी। इस समस्या से एसपी को भी अवगत कराया गया है। जवान और अधिकारी सुरक्षित मतदान केंद्र से लेकर स्ट्रांग रूम तक सुरक्षा प्रदान करते हैं। मतदान कर्मियों को प्रशासनिक स्तर पर चुनाव ड्यूटी में जाने से पहले ही भत्ते का भुगतान कर दिया जाता है। जबकि आरक्षी और हवलदारों को टीए में एडजस्ट करना पड़ता है।

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