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आदिवासी सेंगेल अभियान द्वारा उपायुक्त को सौंपा गया ज्ञापन।

सरायकेला। आदिवासी गांव समाज में जनतंत्र, संविधान कानून और मानव अधिकार को लागू करने का आग्रह करते हुए आदिवासी सेंगेल अभियान द्वारा उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा गया है। अभियान के जिला संयोजक धानो सोरेन के नेतृत्व में सौंपा गया ज्ञापन में बताया गया है कि भारत देश 15 अगस्त 1947 से आजाद है। 26 जनवरी 1952 से संविधान लागू है। परंतु अधिकांश आदिवासी गांव समाज में जनतंत्र, संविधान कानून और मानव अधिकार आदि लागू नहीं है। आदिवासी सेंगेल अभियान की मांग है कि केंद्र और राज्य सरकारें इसको अविलंब लागू करें। जिला पुलिस एवं प्रशासन से आग्रह किया गया है कि इस मामले पर त्वरित कार्रवाई करें। अन्यथा आदिवासी गांव समाज में नशा पान, अंधविश्वास, डायन प्रथा, डांडोम यानी जुर्माना, बरोंन यानी सामाजिक बहिष्कार, डॉन पनते यानी डायन शिकार, वोट की खरीद बिक्री, आदिवासी महिला विरोधी मानसिकता, ईष्र्या द्वेष और वंशानुगत आदिवासी स्वशासन माझी परगना व्यवस्था आदि में सुधार कभी नहीं होगा। आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने 16 मार्च 2022 को इस संबंध में भारत के राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इसकी उचित जांच और सुधारात्मक कार्रवाई की मांग की है। मौके पर उपस्थित श्रीमती हेंब्रम, शांखो टुडू, बागुन टूडू एवं पौदाम टूडू द्वारा सामूहिक रूप से पूर्व सांसद सालखन मुर्मू द्वारा लिखित पुस्तक गुलामी से आजादी की ओर भेंट किया गया।

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