आदिवासी हो भाषा को संविधान के आठवीं सूची में शामिल कराने सहित अन्य मांगों को लेकर 6 संगठनों ने की बैठक…
सरायकेला: संजय मिश्रा
सरायकेला। आदिवासी हो समाज महासभा, आदिवासी हो समाज युवा महासभा, मानकी मुंडा संघ परिषद, कोल्हान सम्मान शहीद समिति, सेवानिवृत्त संगठन सैनिक परिषद और झारखंड आंदोलनकारी मंच कोल्हान की एक संयुक्त बैठक गायत्री होटल सरायकेला में की गई।
जिसमें हो भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने और लिपि को मान्यता प्राप्त कराने, अनुच्छेद 343 के तहत हो भाषा को झारखंड राज्य की प्रथम राजभाषा बनाने, मानकी मुंडा कार्यशैली में सुधार लाने सहित अन्य मुद्दों पर विचार विमर्श करते हुए रणनीति तैयार की गई।
बैठक में बतौर मुख्य अतिथि टाटा स्टील महिला उद्यमी प्रोफ़ेसर चांदमनी कुंकल ने कहा कि समाज को आगे बढ़ाने के लिए कृषि आधारित आधुनिक उद्योगों को सरकारी व्यवस्था से विकसित किया जाए। एवं हर पिछड़ा वर्ग को सामान्य तरीके से आगे बढ़ने में हर संभव सहयोग किया जाए।
महिलाओं को सशक्तिकरण एवं स्वाबलंबी रोजगार स्वरोजगार के साथ मुख्यधारा से जोड़ा जाए। डायन कुप्रथा, अशिक्षा एवं नशा मुक्त समाज का निर्माण हो। सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित रहे आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू, सुमित्रा पड़ेया मुर्मू सहित अन्य सभी ने भी अपने विचार रखे। बैठक में आदिवासी हो समाज महासभा के जिलाध्यक्ष गणेश गागराई, आदिवासी हो समाज युवा महासभा के जिलाध्यक्ष विष्णु बानरा, कोल झारखंड बोदरा एवं शंकर सोय सहित अन्य उपस्थित रहे।