अपराधों के शीघ्र निष्पादन को लेकर गठित किया गया 40 सदस्यीय क्राईम प्रीवेंशन एंड डिटेक्शन विंग…
सरायकेला – संजय मिश्रा। सेवा ही लक्ष्य उद्देश्य के साथ सरायकेला-खरसावां पुलिस लगातार आमजन के हित में कार्य कर रही है। इसी दिशा में बुधवार को सरायकेला-खरसावां जिला अंतर्गत विभिन्न अपराध शीर्ष में आरोप पत्रित अपराधियों को नियमानुकूल निगरानी के अधीन रखने एवं ऐसे अपराधियों के दोहरे भौतिक सत्यापन करने एवं घटित कांडों के यथाशीघ्र उद्वेदन के लिए 40 सदस्यीय अपराध निवारण एवं उद्वेदन विंग का गठन किया गया है।
पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार लुणायत के निर्देश एवं मार्गदर्शन में गठित किए गए उक्त विंग में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी चांडिल, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सरायकेला, पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय, सभी थाना एवं ओपी प्रभारी तथा सभी थाना के एक-एक नोडल पदाधिकारी को रखा गया है। जो पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में कार्य करेंगे। और पुलिस अधीक्षक द्वारा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सरायकेला, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी चांडिल एवं पुलिस उपाधीक्षक के साथ क्षेत्रवार पाक्षिक की बैठक कर विंग के कार्यों की समीक्षा की जाएगी। साथ ही आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए जाएंगे।
जिला अंतर्गत बीते 1 जनवरी से 30 जून 2024 तक आर्म्स एक्ट, एनडीपीएस एक्ट, हत्या, रंगदारी एवं फिरौती, लूट, सेंधमारी गृहभेदन, छिनतई, चोरी, वाहन चोरी एवं उत्पाद अधिनियम के अपराध शीर्ष में कुल 1919 आरोप-पत्रित अपराधियों की सूची तैयार की गई है। जिसमें जिले के 1459 अपराध कर्मी, अन्य जिलों के 379 अपराध कर्मी, राज्य के 81 अपराधकर्मी शामिल है। जिसमें संबंधित अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को उक्त आरोप पत्रित अपराधकर्मियों की सूची की समीक्षा कर आवश्यकता अनुसार डोसियर, निगरानी प्रस्ताव, सीसीए प्रस्ताव, बेल कैंसिलेशन हेतु प्रस्ताव, पीआईटी-एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रस्ताव समर्पित करने तथा गुंडाबही एवं गृह पंजी में प्रविष्ट के संबंध नियमानुकूल अग्रतर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
यह होगा उद्देश्य:-
अपराध नियंत्रण एवं निवारण, घटित कांडों के यथाशीघ्र उद्वेदन, अपराध एवं अपराधियों पर नियंत्रण के साथ-साथ हत्या, अवैध अग्न्यास्त्र के उपयोग, मादक एवं नशीले पदार्थों अवैध शराब की बिक्री तथा डकैती, लूट, छिनतई, रंगदारी जैसे संपत्ति मूलक कांडों की रोकथाम के लिए उक्त अपराधों के अपराध शीर्ष में पूर्व में आरोपप पत्रित अपराधियों, उनके सहयोगियों तथा उनके द्वारा अपराध कारित करने की अपराध शैली की थाना में पदस्थापित सभी पुलिसकर्मियों को प्राप्त जानकारी हो, साथ ही उक्त अपराध कर्मियों को नियमानुकूल निगरानी के अधीन रखने के लिए डोसियर, निगरानी प्रस्ताव, सीसीए प्रस्ताव, बेल कैंसिलेशन प्रस्ताव, पीआईटी-एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रस्ताव समर्पित करने तथा गुंडाबही एवं गिरोह पंजी आदि में प्रविष्ट कर कारवाई किया जा सके।