Spread the love

आदिवासी कुड़मी समाज द्वारा 20 सितंबर से (नीमडीह स्टेशन) में होने वाले रेल टेका आंदोलन को सफल बनाने को लेकर कालियाडुंगरी आसनबनी में की गई तैयारी बैठक…

सरायकेला:संजय मिश्रा

Advertisements
Advertisements

सरायकेला।आदिवासी कुड़मी समाज के तत्वावधान में नीमडीह स्टेशन में होने वाले 20 सितंबर से “रेल टेका व डहर छेंका” आंदोलन को सफल बनाने को लेकर समाजसेवी शंकर महतो की अध्यक्षता में गम्हारिया प्रखण्ड अंतर्गत आसनबनी कालियाडुंगरी में तैयारी बैठक का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जिला के विभिन्न क्षेत्रों से बुद्धिजीवी सह सैकड़ों सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए। सम्मेलन के मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता आदिवासी कुड़मी समाज के जिला प्रभारी प्रभात कुमार महतो (रेल टेका आंदोलन के प्रमुख नेतृत्वकर्ता) ने सम्बोधित करते हुए कहा कि टीआरआई और सीआरआई तो वर्तमान सरकार की कपटता और बहाना मात्र है।

तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सांसद हृदयनाथ कुजुरू के प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा था कि मुंडा, उरांव, संथाल, पान आदि जैसे कुल 13 आदिम जन समुदायों को 6 दिसंबर 1950 में एसटी सूची में सूचीबद्ध कर लिया गया। परंतु सूची में भूलवश 12 आदिम जनजाति-समुदायों का नाम ही उल्लेखित हैं। तथा एक कार्यालय के गलती से छोटानागपुर के कुड़मी जन-समुदाय का नाम छूट गया है जो संशोधन कर शामिल कर लिया जाएगा।

जिन सभी 13 आदिम जनजाति-समुदायों का प्रमाण भारत सरकार के 3 मई 1913 के गजट में प्रकाशित पत्रांक 550 में स्पष्ट उल्लेख हैं। इनमें से छोटानागपुर के कुड़मी जन-समुदाय का नाम भी शामिल है। आज 73 सालों से कुड़मी जन-समुदाय अपना अस्तित्व और संवैधानिक अधिकार के लिए इंतजार करते आ रहा है। अपना हक के लिए सरकार के सामने कई बार कुडमी समाज उग्र रूप को भी प्रदर्शित किया है। अबकी बार आर पार की लड़ाई अंतिम एवं निर्णायक होगी। हमारी मांगें पूरी होने तक यह लड़ाई की ज्वाला धधक उठेगी।

ऐसे ही आंदोलन तीनों राज्यों में एक साथ होने जा रहा है। हमारी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम मानसुन सत्र के पश्चात् अगर कुड़मी जनजाति को एसटी सुची में सुचीबध्द न होने पर झाड़खंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल अर्थात् तीनों राज्यों में फिर से एक साथ आर्थिक नाकेबंदी सहित अनिश्चितकालीन “रेल टेका (रोको) एवं डहर छेंका” 20 सितंबर से पुनः प्रारंभ होगी। इसकी जानकारी देश के प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री को विभिन्न स्रोतों द्वारा दिया गया है।

इस बार झाड़खंड में चार जगहों पर नीमडीह, गोमो, मुरी एवं मनोहरपुर रेलवे स्टेशन के समीप घाघरा में, ओडिशा में तीन एवं पश्चिम बंगाल में दो जगहों पर रेल टेका (रोको) कार्यक्रम का संकल्प लिया गया है। इसमें प्रत्येक स्टेशन में हजारों एवं लाखों की भीड़ शामिल होंगे। अगली तैयारी बैठक 16 तारीख को नीमडीह प्रखंड के डाक बंगला में रखा गया है। उक्त बैठक में रेल टेका आंदोलन के पुरोधा एवं समाज के मूलखूंटी मूलमानता अजीत प्रसाद महतो उपस्थित रहेंगे।

कार्यक्रम में कुकरू प्रखंड सचिव सीमंत कुमार महतो, बासुदेव महतो, समाजसेवी मनोहर महतो, शिक्षाविद् विजय महतो, जनसंपर्क सचिव गुणधाम मुतरुआर आदि ने भी मुख्य रूप से सभा को संबोधित किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में विजय महतो, मुनीराम महतो, रतन महतो, रघुनाथ महतो, बबलू महतो, चितरंजन महतो, युधिष्ठिर, शंकर, फूलचंद, राजकिशोर, बिजय, जितेंद्र, श्यामपद, आदि प्रताप, हलधर आदि का अहम योगदान रहा।

Advertisements

You missed