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भाजपा नेता मनोज कुमार चौधरी ने उपायुक्त को पत्र लिखकर पशुपालन कार्यालय में मुख्यमंत्री पशुधन योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की…

सरायकेला:संजय मिश्रा

सरायकेला। भाजपा सरायकेला विधानसभा संयोजक मनोज कुमार चौधरी ने उपायुक्त को पत्र लिखकर बताया है कि लगातार कृषकों की शिकायत आ रही थी कि जिला गव्य विकास केंद्र द्वारा काफी घटिया किस्म की गाय आपूर्ति की जा रही है। गाय वितरण के समय गाय के 15 से 20 लीटर दूध देने की बात बताई जाती है लेकिन कृषकों को अनुदान प्राप्त गाय महज 2 से 3 लीटर ही दूध देती है। तथ्य की जानकारी लेने मेरे द्वारा जिला पशुपालन अधिकारी से मुलाकात की गई। उनके द्वारा किसी प्रकार की जानकारी नहीं दी गई।

हमारे द्वारा गव्य विकास केंद्र स्थित उपलब्ध गायों का फोटो और वीडियो बनाया गया है। जिससे प्रथम दृष्टया भ्रष्टाचार की पुष्टि हो रही है। जिला पशुपालन विभाग द्वारा अन्य योजनाओं में भी काफी भ्रष्टाचार हो रहा है जो पशुपालकों की भौतिक जांच करने पर स्वत: सामने आ जाएगा। राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण पशुपालकों की आर्थिक स्थिति में सुधार करने तथा ग्रामीण स्तर पर युवाओं को स्व-नियोजित कर आत्मनिर्भर बनाने एवं उनके पलायन को रोकने के उद्देश्य से करोड़ों रुपए की पशुधन विकास योजना की स्वीकृति प्रदान की गई है। कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग अन्तर्गत पशुपालन एवं गव्य विकास निदेशालय, ग्रामीण विकास विभाग (JSLPS, MGNREGA & RURBAN ) तथा कल्याण विभाग द्वारा संचालित पशुधन विकास से संबंधित कई प्रकार की लाभुकोन्मुखी योजनाओं का कार्यान्वयन उक्त योजना के तहत अभिसरण करते हुए समेकित रूप से किया जाना है।

इस योजना का उद्देश्य प्रत्येक वित्तीय वर्ष में बड़ी संख्या में ग्रामीण गरीब आबादी को लाभ पहुँचाकर उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूती प्रदान करना है। मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के क्रियान्वयन से संबंधित विस्तृत दिशा-निर्देश/प्रक्रिया आदि कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग झारखण्ड, राँची के कार्यकारी आदेश संख्या-121 दिनांक 03.02.2021 एवं संकल्प संख्या-452 दिनांक 18.06.2021 द्वारा संसूचित है।

विभागीय मंत्री के निर्देश के आलोक में विभागीय आदेश संख्या-1361 दिनांक 10.12.2021 के द्वारा राजेश कुमार सिंह, विशेष सचिव, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की अध्यक्षता में उक्त योजना के प्रभावी तरीके से क्रियान्वयन एवं निगरानी हेतु संबंधित संकल्प एवं स्वीकृत्यादेश की समीक्षा कर आवश्यक सुझाव उपलब्ध कराने के लिए सात सदस्यीय समिति का भी गठन हुआ है। परंतु बड़े खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि भ्रष्टाचार का मामला उजागर करने के बाद जिला पशुपालन कार्यालय और संवेदक द्वारा भ्रष्टाचार के मामले की लीपापोती शुरू कर दी गई है।

विशेष सूत्रों से जानकारी के मुताबिक रविवार की आधी रात को जिला गव्य विकास केंद्र से चोरी छुपे वहां पर रखी आधी गायों को ठेकेदार द्वारा वहां से अन्यंत्र ले जाया गया एवं शेष आधी बची गायों को सोमवार की आधी रात को वहां से दूसरी जगह शिफ्ट करने की योजना बनाई गई है। इसलिए उन्होंने उपायुक्त से आग्रह किया है कि ग्रामीण पशुपालकों की आर्थिक स्थिति में सुधार करने तथा ग्रामीण स्तर पर युवाओं को स्व-नियोजित कर आत्मनिर्भर बनाने एवं उनके पलायन को रोकने के महत्वपूर्ण उद्देश्य के विरुद्ध जिला पशुपालन कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच समिति गठित कर किया जाए। तथा दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए।

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