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स्टेडियम का जीर्णोद्धार के नाम पर सरकारी राशि बंदरबाट बर्दाश्त से बाहर: मनोज कुमार चौधरी…

सरायकेला: संजय मिश्रा । भगवान बिरसा मुंडा मैदान में विभागीय अभियंताओं एवं संवेदक के मिलीभगत से सरकारी राशि गबन का आरोप लगाते हुए सरायकेला नगर पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष सह भाजपा नेता मनोज कुमार चौधरी ने उपायुक्त से उच्च स्तरीय जांच कमेटी बनाकर जांच कराने की मांग की है. उपायुक्त ने मामले की जांच का जिम्मा एसडीओ को दिया है. श्री चौधरी ने बताया कि भगवान बिरसा मुंडा मैदान सरायकेला जिले का एकमात्र बड़ा मैदान है. लंबे अरसे बाद मैदान को व्यवस्थित करने का सपना साकार होता दिख रहा था लेकिन विभागीय अभियंता एवं संवेदक के मिली भगत से सरकारी राशि गबन करने के उद्देश्य से काफी घटिया काम किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि विगत 7 जून एवं 21 जून को उपायुक्त को पत्र द्वारा पूरे मामले से अवगत कराया गया था. अब एसडीओ को जांच की जवाबदेही दी गई है। उम्मीद है कि मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से जांच होगी और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी. उन्होने कहा कि दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो धरना प्रदर्शन और फिर उच्च न्यायालय जायेंगे। उन्होंने विभिन्न बिंदुओं पर जांच की मांग करते हुए कहा है कि मैदान इंट्री और प्रवेश द्वार के काव-कैचर रोड से 1 फीट नीचे है। जिसे आवागमन की सुविधा एवं मानको के अनुसार समतल होना चाहिए था तथा मुख्य द्वार पर वाहनों की आवागमन की सुविधा हेतु मानवों के अनुसार स्लाइडिंग गेट लगाना चाहिए था।

गेलैरी की पीछे पीसीसी खड़काई नदी के घटिया पत्थरों से बनाया गया रोड अभी से टुटने लगा है जो जांच का विषय है। प्राक्कलन के अनुसार मैदान की मिट्टी 2 फीट खोदना था परन्तु 10 इंच खोदकर पुनः उसी कंकड़ युक्त मिट्टी को भर दिया गया है जो जांच का विषय है। मैदान में प्राक्कलन के अनुसार 1 फीट बालु डालना था परन्तु 2 इंच बालु डाला गया जो जांच का विषय है। मैदान किनारे काफी घटिया जाली लगायी गयी है एवं जाली लगाने में भी आपदा प्रबंधन विभाग के मानकों का पालन नहीं किया गया है। गैलरी से जाली की दूरी केवल 3 फीट में लगाया गया है। मात्र तीन फीट पैसेज में हजारों लोगों के लिए नीकासी और भगदड़ की स्थिति में सैकड़ों लोगों जान जाने से इनकार नहीं किया जा सकता है। जनहित में आपदा प्रबंधन विभाग की नियमावली के अनुसार प्रवेश निकासी का अनुकरण करवाया जाए। 4.5 करोड के भारी भरकम बजट के बाबजूद मैदान के दर्शक दीघा में पवेलियन का निमार्ण नहीं होना समझ से परे हैं। प्राक्कलन के अनुसार गलैरी और दीवारों में वेदर कोट कलर से रंग रोगन करना था वर्तमान घटिया सनोसम कलर से कलर करना जो जांच का विषय है।

मैदान में पूरा प्लास्टर बदलना था लेकिन लीपा पोती करते हुए कहीं-कहीं पर आशिक प्लास्टर किया गया है जो जांच का विषय है। मैदान के फ्लोर में पुराना कोटा स्टोन प्रयोग करना जांच का विषय है। मैदान के चारो तरफ नई नाली + स्लेब का निर्माण करना था लेकिन पुरानी नाली के ऊपर २ रद्दा ईटा जोड़कर + पुराना स्लेब लगाना जांच का विषय है। आमसभा में इस बात पर भी शंका की गई कि मैदान में लगाई गई पॉल लाइट एवं हाई मास्ट लाइट मानकों के अनुरूप नहीं है और जो जनरेटर लगाया गया है वह भी कम पावर का है। जो जांच का विषय है। उन्होंने जांच प्रभावित न हो इसलिए संवेदक को निर्देश देने की उपायुक्त से मांग की है कि जांच पूरी होने तक मैदान में किसी प्रकार का भी कार्य या छेड़छाड़ ना किया जाए. इसकी प्रतिलिपि उन्होंने राज्यपाल, प्रवर्तन निदेशालय रांची झारखंड, एसीबी रांची झारखंड, सचिव भवन निर्माण विभाग रांची झारखंड, आयुक्त कोल्हान प्रमंडल सिंहभूम चाईबासा को भी भेजा है.

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