छोटा टांगरानी में स्थित क्रेशर बिगाड़ रहा है गांव वालों की सेहत, ब्लास्ट से थर्रा रहे हैं गांव के घर; खेती के खेत बंजर होने की कगार पर, ग्राम प्रधान ने कहा…
नहीं थमा तो होगा ग्रामीणों का विशाल जन आंदोलन…
सरायकेला संजय मिश्रा।
सरायकेला प्रखंड के छोटा टांगरानी में स्थापित क्रैशर गांव वालों की सेहत बिगाड़ रहा है। क्रैशर के समीप में स्थित विद्यालय के बच्चे पढ़ने के दौरान डस्ट फांकने को विवश हो रहे हैं। वहीं पत्थर के चट्टानों को तोड़ने के लिए क्रेशर प्रबंधन द्वारा दिन में दो बार किए जाने ब्लास्ट से गांव के कच्चे मकान थर्रा रहे हैं। इतना ही नहीं क्रैसर से लगातार निकल रहे डस्ट आसपास के खेतों में परत के रूप में जमा हो रहे हैं। जिससे खेती वाली जमीन भी बंजर होने की कगार पर है। पूरे माहौल को लेकर स्थानीय ग्रामीण अपने और अपने परिवार एवं घर की सुरक्षा को लेकर दहशत में बताए जा रहे हैं। उक्त जानकारी देते हुए गांव के ग्राम प्रधान नेहरू पूर्ति बताते हैं कि क्रैसर के इस प्रकार संचालन के विरोध में 1 वर्ष पूर्व पिछले वर्ष जुलाई महीने में ही ग्रामीण गोलबंद होकर आंदोलन किए थे।
परंतु क्रैसर का संचालन पूर्व की तरह जारी है। स्थानीय ग्रामीणों को गांव तक जाने के लिए कच्ची सड़क से होकर जाना पड़ता है। जिस पर क्रेशर से वाहनों का प्रतिदिन भारी मात्रा में संचालन होने से उक्त कच्ची सड़क मार्ग भी दुर्घटना को आमंत्रण देने लगी है। और विशेषकर रात के समय उक्त सड़क मार्ग से गुजरने वाले ग्रामीण अक्सर गिरकर घायल हो रहे हैं।
ग्राम प्रधान नेहरू पूर्ति ने कहा है कि यदि जल्द ही इसके नियंत्रण की दिशा में कार्रवाई नहीं की गई तो आने वाले समय में ग्रामीणों को हो रही समस्याओं को देखते हुए ग्रामीणों के साथ व्यापक जन आंदोलन किया जाएगा।