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 तबरेज अंसारी मौत के मामले में चार साल बाद आया कोर्ट का फैसला…

मॉब लिंजिंग मामले में  एडीजे वन की अदालत ने जीवित बचे 10 आरोपियों को सुनाई 10 साल सश्रम कारावास की सजा…

सरायकेला: संजय मिश्रा

सरायकेला। क्षेत्र के बहुचर्चित तबरेज अंसारी हत्याकांड में करीब चार वर्ष बाद मामले के जीवित बचे दस आरोपी प्रकाश मंडल उर्फ पप्पू मंडल, भीम सेन मंडल, कमल महतो, मदन नायक, अतुल महाली, महेश महाली, विक्रम मंडल, चामू नायक, प्रेमचंद महाली और सुनामो प्रधान को एडीजे वन अमित शेखर की अदालत ने दस वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। सुनवाई के दौरान दोषी पाए गए दस लोगों की पेशी जेल प्रशासन ने वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिए कराई। सजा के दौरान दोनों पक्ष के अधिवक्ताओं ने अपनी अपनी दलीलें पेश की। अंत में कोर्ट ने आईपीसी की धारा 304 पार्ट (वन) का वर्णन करते हुए दस वर्ष व 15 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। जुर्माना की रकम नहीं देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी।

इसके साथ ही आईपीसी 325 में तीन वर्ष कारावास और पांच हजार रुपये जुर्माना, जुर्माना की रकम नहीं देने पर छह माह के साधारण कारावास की सजा, आईपीसी 341 में एक माह का कारावास और 300 रुपये जुर्माना, जुर्माना की रकम नहीं देने पर दो दिन का साधारण कारावास की सजा सुनाई है। आईपीसी 323 में नौ माह का कारावास के साथ आठ सौ रुपये जुर्माना, जुर्माना की रकम नहीं देने पर एक माह का साधारण कारावास की सजा। आईपीसी 295ए में एक वर्ष की कारावास एक हजार रुपये जुर्माना, जुर्माना की रकम नहीं देने पर डेढ़ माह का साधारण कारावास की सजा।

आईपीसी 147 में एक वर्ष का कारावास के साथ एक हजार रुपये जुर्माना की सजा, जुर्माने की रकम नहीं देने पर डेढ़ माह का साधारण कारावास की सजा सुनाई गई। पूरे मामले में 35 गवाहों ने गवाही दी। जिसके बाद कोर्ट ने 27 जून को दस आरोपितों को दोषी ठहराया था और दो आरोपितों सत्यनारायण नायक और सुमंत महतो को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में मामले से बरी कर दिया था। मृतक तबरेज अंसारी की पत्नी वादी शाहिस्ता परवीन के पक्ष में अधिवक्ता अल्फताफ हुसैन व आरोपितों के पक्ष से अधिवक्ता एससी हाजरा ने बहस की। जबकि दोनों पक्षों द्वारा उपरी अदालत का दरवाजा खटखटाए जाने की बात कही गई।

आरोपी पक्ष के वकील एससी हाजरा द्वारा कहा गया कि कोर्ट ने आरोपियों को 10 वर्ष की सजा सुनाई है। सभी सजाएं साथ-साथ ही चलेंगी। लेकिन वे सजा के खिलाफ हाई कोर्ट जाएंगे। और सभी 10 लोगों को मामले से बरी करा कर ही दम लेंगे। इधर वादी पक्ष के वकील अल्ताफ हुसैन ने कहा है कि शाहिस्ता परवीन को न्याय दिला कर रहेंगे। वे हाईकोर्ट जाएंगे और वहां सभी 10 लोगों को कड़ी से कड़ी सजा दिला कर रहेंगे।
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यह है मामला :-

सरायकेला प्रखंड के धातकीडीह गांव में खरसावां के कदमडीहा गांव के मो. तबरेज अंसारी के साथ कथित तौर पर ‘मॉब लिंचिंग’ की घटना हुई। जानकारी के मुताबिक मो. तबरेज अंसारी 17/18 जून की रात अपने दो साथियों नुमैर अली और शेख इरफान के साथ धातकीडीह के कमल महतो के घर में चोरी की नीयत से घुसा था। इसी दौरान घर के लोग जाग गये और उन्होंने शोर मचाया। इसके बाद ग्रामीणों ने चोरों को पकड़ने का प्रयास किया। इस कोशिश में मो तबरेज अंसारी ग्रामीणों के हाथ लग गया जबकि उसके दो साथी नुमैर अली और इरफान वहां से भागने में कामयाब रहे। जिन्हें पुलिस आज तक नहीं तलाश कर पाई है।

लगभग ढाई बजे रात घटी इस घटना के बाद ग्रामीणों ने तबरेज की पिटाई की। पुलिस को इसकी सूचना मिली और लगभग पांच बजे सुबह तक वह घटनास्थल पर पहुंच गई। पुलिस ने तबरेज को ग्रामीणों से बचाया। उसे थाने लाया और इस मामले में मृतक की पत्नी शहिस्ता परवीन द्वारा पप्पू मंडल समेत अन्य 100 के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस दौरान उसकी प्राथमिक चिकित्सा भी कराई गई और जेल भेज दिया गया। जांच के दौरान उसे कोई गंभीर चोट लगने की बात सामने नहीं आई थी।

चार दिन बाद 22 जून की सुबह दोबारा तबरेज अंसारी को जेल से गंभीर हालत में सदर अस्पताल लाया गया जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गयी। हालांकि परिजनों के द्वारा उसके जिंदा होने का दावा करने पर उसे सदर अस्पताल से जमशेदपुर टीएमएच रेफर कर दिया गया था लेकिन वहां भी डॉक्टरों ने तबरेज को मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद पुलिस और परिजन उसे वापस सरायकेला लाए और शव का पोस्टमार्टम कराया गया।

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