वादा निभाओ; स्थाई करो मुहिम के तहत जिले के मनरेगा कर्मियों ने जिला संभलनायक के समक्ष दिया धरना; मुख्यमंत्री के नाम उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन…
सरायकेला: संजय मिश्रा ।
झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ के बैनर तले संघ के जिला अध्यक्ष शंकर कुमार सतपथी और जिला सचिव अनिल मुर्मू के नेतृत्व में जिले भर के मनरेगा कर्मियों ने जिला समाहरणालय के समक्ष धरना दिया। इस दौरान वादा निभाओ; स्थाई करो मुहिम के तहत एकदिवसीय धरना देते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम उपायुक्त को मांग पत्र सौंपा। जिसमें उन्होंने बताया है कि वे सभी विगत 17 वर्षों से अनवरत पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से अल्प मानदेय पर ग्रामीण विकास विभाग की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा के क्रियान्वयन और राज्य के उत्थान के लिए ग्रामीण इलाकों में काम कर रहे हैं।
जिन्हें अल्प मानदेय के अलावा अन्य कोई सर्विस बेनिफिट प्राप्त नहीं है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा संविदा संवाद, रात्रि चौपाल और अन्य चुनावी जनसभाओं में सभी अनुबंध कर्मियों की सेवा स्थाई करने का वचन दिया गया था। लेकिन 4 वर्ष से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी मनरेगा कर्मियों की सेवा स्थाई नहीं की गई। ना ही वेतनमान दिया गया और ना ही अन्य कोई सर्विस बेनिफिट दिया गया। संघ के प्रतिनिधि मंडल के साथ वार्ता के लिए भी अनेकों बार आग्रह किया गया। लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय से समयादेश नहीं दिया गया। जिससे राज्य भर के मनरेगा कर्मियों में काफी आक्रोश है। उन्होंने बताया है कि देश की अन्य राज्यों हिमाचल प्रदेश एवं राजस्थान में मनरेगा कर्मियों को स्थाई कर दिया गया है।
उड़ीसा में स्थाईकरण की प्रक्रिया की जा रही है। मध्य प्रदेश, पंजाब एवं अन्य राज्यों में संतोषजनक मानदेय के साथ वार्षिक वृद्धि का प्रावधान किया गया है। और अपने ही राज्य में सचिवालय में कार्यरत मनरेगा कर्मियों को ग्रेड पे दिया जा रहा है। उन्होंने मांग की है कि झारखंड राज्य के मनरेगा कर्मियों की सेवा शर्त नियमावली में सुधार करते हुए सेवा स्थाईकरण एवं वेतनमान का प्रावधान किया जाए। इस अवसर पर मनोज कुमार तियु, भवानी प्रमाणिक, रूपम गुप्ता, जीवन पूर्ति, सोम चांद, तपन कुमार, पंकज प्रधान, विकास झा, रानू मुर्मू, राम लगन उरांव, सुजीत प्रधान सहित सभी 9 प्रखंडों के मनरेगा कर्मी धरना में शामिल रहे।