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फाईलेरिया उन्मूलन के तहत एमडीए आईडीए अभियान का उपायुक्त ने स्वयं दवा का सेवन कर किया शुभारंभ…

अभियान को सफल बनाने में जन सहभागिता जरूरी; मीडिया, जन-प्रतिनिधियों और विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों का सहयोग प्राप्त करें: उपायुक्त…

सरायकेला:संजय मिश्रा

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सरायकेला। सदर अस्पताल सरायकेला परिसर से फ्लेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत एमडीए/आईडीए अभियान का शुभारम्भ जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला के द्वारा स्वंय फाइलेरिया की दवा खाकर किया गया। इस दौरान श्री शुक्ला ने कहा है कि फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में जन-सहभागिता जरूरी है। अभियान के सफल संचालन के लिए प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्रतिनिधियों, स्थानीय जन-प्रतिनिधियों और विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों का सहयोग प्राप्त करें।

इस दौरान उपायुक्त ने अभियान के सफल संचालन को लेकर संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उपायुक्त ने कहा कि सभी दवा प्रशासक अभियान के उद्देश्य को पूर्ण करने हेतु शत प्रतिशत योग्य लोगों को मानक के अनुसार दवा खिलाना सुनिश्चित करें। साथ ही MDA की सही रिपोर्ट कार्यालय में ससमय उपलब्ध कराएं। इस क्रम में उपायुक्त ने कहा कि विभिन्न माध्यम से फाइलेरिया के लक्षण उसके बचाव एवं उसके दवा के सेवन के प्रति लोगों को जागरूक करें।

10 से 25 अगस्त तक चलेगा अभियान: सिविल सर्जन।
कार्यक्रम के दौरान सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार सिन्हा ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम 10 से 25 अगस्त तक चलाया जाएगा। इसमें 10 अगस्त को बूथ स्तर पर कार्यक्रम किया जाएगा। उस दिन सभी महत्वपूर्ण जगहों पर बूथ लगाकर लोगों को दवा का सेवन कराया जाएगा। इसके बाद 11 से 25 अगस्त तक घर-घर जाकर दवा प्रशासक लोगों को दवा का सेवन कराएंगे।

इस कार्यक्रम में 2 साल से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं तथा गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को दवा का सेवन नहीं कराना है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि जब व्यक्तियों को दवा का सेवन कराया जाएगा और उनमें अगर फाइलेरिया के कृमि मौजूद होंगे तो दवा सेवन के बाद उसके कुछ लक्षण प्रदर्शित होंगे जैसे सर दर्द, उल्टी जैसा महसूस होना या उल्टी होना, बदन दर्द, हल्का बुखार इत्यादि हो सकता है।

फाइलेरिया के लक्षण:-
-सामान्यतः तो इसके कोई लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते हैं।
-बुखार, बदन में खुजली तथा पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द और सूजन की समस्या दिखाई देती है।
-पैरों व हाथों में सूजन, हाथी पाँव और हाइड्रोसिल के रूप में भी यह समस्या सामने आती है।

फाइलेरिया से बचाव:-
▪️मच्छरो से बचने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें।
▪️घर के आस-पास कूडे़ को इकठ्ठा न होने दें, कूडे़दान का प्रयोग करें।
▪️आसपास पानी न जमा होने दें।
▪️गन्दे पानी में केरोसिन भी डाल दें।
▪️चोट या घाव वाले स्थान को हमेशा साफ़ रखें।
▪️पूरी बाजू का कपड़ा पहनें।

कार्यक्रम के दौरान सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार सिन्हा, सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ नकुल प्रसाद चौधरी, सदर अस्पताल प्रबंधक संजीत राय, डीपीएम निर्मल दास, अर्चना तिग्गा एवं अन्य चिकित्सक और सहिया दीदी मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

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