हो भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर 21 अगस्त को दिल्ली चलने के लिए चलाया गया जनसंपर्क जागरूकता अभियान…
सरायकेलाःसंजय मिश्रा
सरायकेलाः आदिवासी हो भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर आगामी 21 अगस्त को राष्ट्रीय स्तर पर दिल्ली के जंतर-मंतर में निर्धारित एकदिवसीय धरना प्रदर्शन में शामिल होने के लिए जनसंपर्क जन जागरूकता अभियान चलाया गया। लोगों से भाषा की संवैधानिक मान्यता को लेकर ग्रामीणों को दिल्ली जाने के लिए अपील किया गया। आदिवासी हो समाज युवा महासभा के राष्ट्रीय महासचिव श्री गब्बरसिंह हेम्ब्रम ने ग्रामीणों से कहा कि हो भाषा कानूनन लड़ाई का मामला सिर्फ संगठन का नही है, समाज में सबकी जिम्मेवारी है। इसके संवैधानिक मान्यता से समाज के भावी पीढ़ी लाभान्वित होंगे। कोल्हान प्रमंडल सहित झारखंड राज्य के अन्य जिलों से हमारे समाज के लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और कार्यक्रम को सफल बनाएँ।
साथ ही लोगों को पोस्टल कार्ड लेखन अभियान के कार्यक्रम से जोड़ा गया और आर्थिक सहयोग करने के लिए सामाजिक अनुरोध किया गया। आदिवासी हो समाज युवा महासभा, आदिवासी हो समाज महासभा एवं मानकी-मुण्डा सघं द्वारा सरायकेला प्रखंड के बारुडीह एवं नीलमोहनपुर में सघन दौरा किया गया। भाषा आंदोलन के विषय में प्रचार-प्रसार किया गया। समाज के महिला-पुरुषों को आदिवासी भाषा आंदोलन से जुड़ने के लिए सहयोग माँगा। लोगों ने तन-मन धन से सहयोग करने के लिए सहमति जताई और हर गांव से 21 अगस्त को दिल्ली जाने के लिए एक स्वर में नारा लगाये।
इस अवसर पर आदिवासी हो समाज युवा महासभा प्रदेश सांस्कृतिक सचिव जगन्नाथ हेस्सा, जिलाध्यक्ष विष्णु बानरा, पूर्वी सिंहभूम पूर्व जिलाध्यक्ष सुरा बिरूली, सदस्य ओएबन हेम्ब्रम, राहुल हो, हो समाज महासभा जिलाध्यक्ष गणेश गागराई, संगठन सचिव कोल झारखंड बोदरा, जयपाल बानरा, संजय बानरा, सुखदेव बानरा, मिचराय बानरा, साधुचरण बानरा, सुंदर बानरा, राजकिशोर लोहरा, चंद्रशेखर सोय, जयराम बोदरा, संजीव गागराई, सुमित्रा सोय, दशमती बोदरा, मीना गागराई, जयश्री सोय, नागी सोय, बिलंती सोय, हरिश बानसिंह, दिनेश बानसिंह, बिरसा बानसिंह, कुंवर बानसिंह आदि लोग मौजूद रहे।