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मलेरिया रोधी माह में चल रही जागरूकता को लेकर डॉ चंद्रावती ने कहा…

बीमारी से बचाव हेतु सतर्कता के साथ जागरूकता है जरूरी।

सरायकेला: संजय मिश्रा  : मानसून के प्रारंभ में सरायकेला-खरसावां जिला में जून को मलेरिया रोधी माह मनाया जा रहा है। इसको लेकर जिला मुख्यालय प्रखंड सरायकेला सीएचसी नगर निकाय क्षेत्र में फ्लेक्स, बैनर के जरिए विभाग जागरूकता कार्यक्रम भी छेड़ रखा है। जिला के भीबीडी पदाधिकारी डॉ चंद्रावती बोइपाई ने बताया कि मच्छरों का प्रसरण जून से सितंबर तक ज्यादा रहता है। उन्होंने कहा कि 25 अप्रैल विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है, जबकि जून महीना को मलेरिया रोधी माह के रूप में मनाया जाता है।

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स्वास्थ्य मानवता, लैंगिक समानता, मानव अधिकार इस वर्ष का थीम है। उन्होंने कहा कि प्रचार प्रसार को लेकर सभी जनबहुल गांव में भी स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा ग्राम सभा किया जा रहा है। सभी स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर मलेरिया बीमारी से बचाव को लेकर लोगों को जागरूक करने हेतु स्वास्थ्य कर्मियों को निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि उल्टी जैसा लगना, कंपकपी के साथ बुखार, शरीर में ऐठन, दर्द ऐसी कई मलेरिया के लक्षण है। ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे और खून की जांच कराएं। उन्होंने बताया कि सहिया को भी टेस्ट किट उपलब्ध कराया गया है। हर स्वास्थ्य केंद्र में पर्याप्त मात्रा में दवा भी उपलब्ध है।

मलेरिया से बचाव को लेकर उन्होंने बताया कि जागरूकता के साथ सतर्कता जरूरी है। सोते समय सरल उपाय है कि मच्छड़दानी का उपयोग करें। घर के आस-पास जल का जमाव न होने दें। मच्छड़ मादा एनोफिलिस जल जमाव वाले क्षेत्र में ही पनपते हैं। जल जमाव वाले प्रदूषण क्षेत्र में किरासन (कीटनाशक) तेल डाल दें। सप्ताह में एक दिन फ्रिज, कूलर को भी साफ करें। कीटनाशक दवा साइफ्लूथ्रीन दवा का घर में छिड़काव करें। ऐसे कई उपाय उन्होंने बताए एवं मलेरिया बीमारी से बचाव के लिए जागरूकता पर बल दिया।

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