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उपायुक्त की अध्यक्षता में नशा मुक्त भारत अभियान के तहत एक दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन…

सरायकेला  संजय मिश्रा । ऑटोक्लस्टर स्थित सभागार में जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त अरवा राजकमल की अध्यक्षता में नशा मुक्त भारत अभियान के तहत एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का विधिवत शुभारंभ उपायुक्त अरवा राजकमल, पुलिस अधीक्षक आनंद प्रकाश, डालसा सचिव कुमार कांति प्रसाद, उप विकास आयुक्त प्रवीण कुमार गागराई, एवं अन्य मंचासीन अतिथियों के द्वारा सामूहिक रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर उपायुक्त ने कहा कि समूचे देश में नशे से अधिक प्रभावित जिलों में 15 अगस्त 2020 को नशा मुक्त भारत अभियान आरंभ किया गया था।

उन्होंने बताया कि विषय की गंभीरता एवं समस्या की जटिलता को ध्यान में रखते हुए अधिक से अधिक लोगों को नशे के दुष्परिणामों के बारे में जागरूक करने हेतु विभिन्न माध्यम से जागरूकता अभियान चलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि नशा मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने के लिए सबसे पहले हमें इसकी शुरुआत अपने घर से करनी होगी। दुकानों में गुटका तथा अन्य प्रकार के नशीले पदार्थ बेचे जा रहे हैं, जिससे हमारी युवा पीढ़ी नशे के चंगुल में फंसती जा रही है। नशे के इस दानव को समाप्त करने के लिए और अधिक प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चे जो प्रारंभिक स्टेज में सिगरेट या तंबाकू का सेवन करते हैं वह आगे बढ़कर ड्रग्स के सेवन की ओर जाते हैं उन्हें प्रथम चरण में ही मादक पदार्थों के सेवन से स्वास्थ्य के साथ परिवार समाज पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव के बारे में जानकारी देकर रोकने का कार्य किया जाए।

उपायुक्त ने की जिले वासियों से अपील; कहा अभिभावक अपने बच्चों पर नजर रखें ताकि बच्चे गलत रास्तों पर आगे ना बढ़ें:-

अपने संबोधन में उपायुक्त ने जिलेवासियों से अपील करते हुए कहा कि पूरे देश में नई पीढ़ियों में नशा का प्रचलन काफी विकसित हो रही है। ऐसे में अभिभावक अपने बच्चों के एक्टिविटीज, उनके आइक्यू लेवल एवं मानसिक बदलाव पर विशेष ध्यान रखें ताकि बच्चे को नशे की ओर बढ़ने से पूर्व या प्रथम चरण में ही रोका जा सके। उपायुक्त ने कहा कि नशा मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने में प्रशासन, पुलिस प्रशासन, न्यायिक प्रशासन के साथ सबका सहयोग अपेक्षित है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पुलिस अधीक्षक आनंद प्रकाश ने कहा कि हमारी युवा पीढ़ी को नशे की चपेट में आने से बचाने का हम सभी का सामूहिक दायित्व है। सभी अपने कर्तव्य का निर्वहन ईमानदारीपूर्वक करें। ताकि नशे की लत से एडिक्टेड बच्चे या लोग नशे की लत से निकलकर समाज की विकास में अपना सहयोग दे सकें। उन्होंने कहा कि यह निरंतर चलने वाली अभियान है। उन्होंने कहा कि जिले में नशे की अवैध खेती भी की जा रही है जिस पर प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को नशीली पदार्थ या 21 साल से कम उम्र के बच्चों को शराब आदि बेचना अपराध है। इससे परहेज करें।

उन्होंने कहा कि मानव जीवन अमूल्य है। ड्रग परिवार के साथ साथ समाज पर बुरा प्रभाव डालता है। इसके सेवन से स्वास्थ्य के साथ-साथ परिवार की आर्थिक स्थिति मनुष्य के मानसिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ड्रग्स या नशीले पदार्थों का सेवन करने वाले व्यक्तियों को समाज अलग दृष्टि से देखती है।

उपायुक्त ने कहा कि इससे पूर्व एसओपी तैयार करने को लेकर प्रमंडलीय स्तरीय कार्यशाला किया गया था ताकि मामले की जटिलता एवं गंभीरता को पदाधिकारी समझ सकें। उन्होंने कहा कि सप्लाई एवं डिमांड पर अंकुश लगाने पर भी चर्चा किया गया है। उन्होंने कहा कि आज की कार्यशाला में सभी पुलिस पदाधिकारी प्रशासनिक पदाधिकारी एवं विभिन्न विद्यालय एवं महाविद्यालय के चयनित नोडल पदाधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है। ताकि प्रशासनिक कानूनी एवं ज्यूडिशरी के साथ-साथ स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव के दृष्टिकोण से लोगों को नशा मुक्ति के प्रति जागरूक किया जा सके। उपायुक्त ने कहा कि जिले के सभी पदाधिकारी ऐसे विद्यालय/कॉलेज जहां नशा हब के रूप में विकसित होने की संभावनाएं हैं वैसे 85 स्कूल/कॉलेज को गोद लिया गया है। वहां पदाधिकारी चयनित नोडल पदाधिकारी के माध्यम से बच्चों के साथ सीधा संवाद कर बच्चों को एपी वॉलिंटियर के रूप में विकसित कर नशा मुक्ति की ओर आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे। उपायुक्त ने कहा कि जिले में जल्द ही डीएक्टिवेट सेंटर प्रारंभ होगा। जहां एडिक्टेड बच्चों एवं लोगों का काउंसिल कर नशा से मुक्ति दिलाया जा सकेगा।

उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त जिले में जल्द ही जिले के सदर अस्पताल मे (एटीएफ) एंटी ड्रग ट्रीटमेंट फैसिलिटी भी बनाया जा रहा है, जहां वैसे एडिक्टेड लोग जिन्हें काउंसलिंग के साथ चिकित्सीय सहायता की आवश्यकता पड़ती है, को एडमिट कर उन्हें नशा से मुक्ति दिलाए जा सकेगा। कार्यक्रम में परियोजना निदेशक आईटीडीए संदीप कुमार दोराईबुरु, अपर उपायुक्त सुबोध कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी सरायकेला राम कृष्ण कुमार, पुलिस उप अधीक्षक मुख्यालय चंदन कुमार वत्स, भूमि सुधार उप समाहर्ता सरोज तिर्की, उप सम्हार्ता सामान्य शाखा श्रीमती प्रियंका सिंह, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी सुनील कुमार सिंह, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती शिप्रा सिन्हा समेत विभिन्न विभाग के पदाधिकारी, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी अंचलाधिकारी एवं अन्य उपस्थित रहे।

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