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उत्कल युवा एकता मंच की ओर से 16 से 18 मार्च तक तीन दिवसीय प्राचीन ओड़िया ड्रामा जात्रा की हो रही तैयारी…

सरायकेला Sanjay । उत्कल क्षेत्र के परंपरागत ओड़िया ड्रामा जात्रा को सरायकेला में जीवंत करने और बनाए रखने का कार्य उत्कल युवा एकता मंच सरायकेला द्वारा किया जा रहा है। इसी के तहत उत्कल युवा एकता मंच सरायकेला द्वारा लगातार तीसरे वर्ष एक बार फिर से तीन दिवसीय ओड़िया ड्रामा जात्रा का आयोजन आगामी 16 से 18 मार्च तक सरायकेला के इंद्रटांडी में किया जाएगा। इसे लेकर कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। जिसके तहत आयोजित होने वाले ओड़िया ड्रामा जात्रा में उत्कल युवा एकता मंच सरायकेला के द्वारा दो नाटकों 18 मार्च को “कर्णो खुजुछी ता निजो ठिकणा” और 17 मार्च को “फगुणो अधे कु श्रावण अधे” का मंचन किया जाएगा। जबकि खरसावां बूढ़ीतोपा की ओर से 16 मार्च को “बंधु बाचिछी मु लुह साथीरे” का मंचन किया जाएगा। समापन दिवस के अवसर पर 18 मार्च को मंचित होने वाले नाटक “कर्णो खुजुछी ता निजो ठिकणा” में जीबन चौधरी की भूमिका निभा रहे उत्कल युवा एकता मंच सरायकेला के रूपेश साहू ने उक्त जानकारी देते हुए बताया है कि उनका किरदार उनके लिए अग्निपरीक्षा के समान है। क्योंकि दिग्गज कलाकार उक्त किरदार में भूमिका निभा चुके हैं। अगर वे उन कलाकारों का 50% भी किरदार निभा पाते हैं तो यह उनके लिए उपलब्धि होगी।

यादों के झरोखों में प्राचीन ओड़िया ड्रामा जात्रा:-

सरायकेला सहित आसपास के क्षेत्रों में 1980 के दशक तक ओड़िया ड्रामा जात्रा का भरपूर प्रचलन हुआ करता था। जिसे देखने के लिए गणमान्य सहित दूरदराज के क्षेत्रों से भी लोग पहुंचा करते थे। बाद के समय में ओड़िया ड्रामा जात्रा और उसके कलाकारों का उचित तरीके से संरक्षण नहीं हो पाने के कारण धीरे-धीरे शिथिलता के साथ यह प्राचीन सांस्कृतिक परंपरा क्षेत्र में लुप्त होने के कगार पर पहुंचने लगी थी। जिसे समय रहते हुए उत्कल युवा एकता मंच सरायकेला द्वारा वर्ष 2021 में एक बार फिर से पुनर्जीवित किया गया। और बैठक में निर्णय भी लिया गया कि पिछले वर्षों की भांति कलाकारों को मंच प्रदान कर सम्मानित किया जाएगा। ताकि ओड़िया ड्रामा जात्रा के संरक्षण के साथ-साथ कलाकारों में उमंग का जोश भरा जा सके।

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