परंपरागत तरीके से मनाया गया सरायकेला छऊ आर्टिस्ट एसोसिएशन द्वारा पारंपरिक चईत परब-2024; हुआ रात्रि जागरण…
सरायकेला:संजय मिश्रा
सरायकेला। सरायकेला छऊ आर्टिस्ट एसोसिएशन के तत्वावधान जेल रोड बजरंगबली मंदिर के समक्ष मैदान में आयोजित पारंपरिक चइत परब-2024 का विधिवत उदघाटन एसोसिएशन के संरक्षक मनोज कुमार चौधरी, आदित्यपुर नगर निगम के पूर्व उपमहापौर अमित सिंह ने संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्वलित कर किया।
इस अवसर पर एसोसिएशन के मंच से प्रदीप कर मेमोरियल ट्रस्ट के सौजन्य से काशीनाथ कर तथा आशीष कर ने पुराने ढोल वादक सुखलाल महांती, घसीनाथ महांती, पुराने कलाकार बलाराम महांती, विजय महांती को कलाकारो कुर्ता पैजामा देकर सम्मानित किया गया। मूर्ति तथा मुखौटा निर्माता सुखदेव महाराणा तथा उपस्थित अन्य कलाकारों को एसोसिएशन ने अंगवस्त्र, गुलदस्ता देकर सम्मानित किया।
तत्पश्चात कलाकार रूपेश साहु, सुदीप कवि, अभिनाश कवि, लिटन महांती, अमित साहू, राजेश गोप, प्रदीप बसा, बिजन सरदार, निवारण महतो, नीरज पटनायक, पंकज साहू, आद्यापदो साहू, राकेश कबी ने पारंपरिक शिव आराधना यात्राघट की धुन के साथ आरती, तांडव, नाविक, राधाकृष्ण, मयूर, रात्रि, राधाकृष्ण, कोचदेवदानी, गोरुडवासुकी, चिरकूनी, चंद्रभागा, दुर्गा सहित कई प्रकार की एक से बढ़ कर नृत्य प्रस्तुत कर रात्रि जागरण करते हुए दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
इस अवसर पर संरक्षक मनोज कुमार चौधरी ने कहा कि छऊ कला हमारी पहचान है। इसे बचाना हम सभी का जिम्मेदारी है। छऊ आज से पांच सौ साल पहले सरायकेला में ही समर अभ्यास करण के रूप में विकसित हुआ। हम उन महान विभूतियों को हम कैसे भुला सकते हैं, जिन्होंने अपनी सर्वस्व न्यौछावर कर सरायकेला छऊ शैली को विश्व रंगमंच में एक दमदार नृत्य शैली के रूप में प्रसिद्धि दिलाई।
इसीलिए सरायकेला को छऊ की जननी कहा जाता है। विशेष रूप से आज मैं सरायकेला छऊ शैली की परिमार्जित शास्त्रीय स्वरूप की जनक स्वर्गीय कुंअर विजय प्रताप सिंहदेव का वंदन करना चाहता हूं, नमन करना चाहता हूं और स्मरण करना चाहता हूं, जिनकी अवधारणा से यह नृत्य शैली को विश्व के अन्य शास्त्रीय नृत्य शैली के समकक्ष शामिल कर दिए। कुंअर विजय प्रताप सिंहदेव के इस भगीरथ प्रयास में जिन विभूतियों का अवदान है उनमें से प्रमुख हैं नटशेखर स्वर्गीय वनविहारी पटनायक, संगीत विशारद स्वर्गीय कालू ब्रम्हा, मुखौटा शिल्पकार स्वर्गीय प्रसन्न महापात्र, अंगाभरणम् शिल्पी स्वर्गीय हरिया दास एवं आभूषण अलंकार शिल्पी स्वर्गीय शरद साहू।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष प्रशासनिक चैत्र पर्व-2024 में आदर्श आचार संहिता की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है। सत्ताधारी दल चैत्र पर्व की आड़ में कुछ लोगों को अनैतिक लाभ दिलवा रहे हैं। जिसकी शिकायत चुनाव आयोग से दर्ज कराई जाएगी। हम प्रशासनिक पदाधिकारियों को आगाह करते हैं कि सरकार की टुल किट की तरह काम ना करें वर्ना पुर्व आईएएस छवि रंजन जैसा हाल होगा। अध्यक्ष भोला महांती ने कहा कि एसोसिएशन हमेशा कला और कलाकारों की उत्थान के लिए कार्य करती रहेगी।
आगे भी ऐसा कार्यक्रम होता रहेगा। उक्त अवसर पर रजत पटनायक, सुदीप कवि, शुशील आचार्य, सुनील दुबे, काशीनाथ कर, आशीष कर, बाउरीबंधु महतो, अभिनाश कवि, सानकु महतो, लालू महतो, मंगला मुखी, लिटन महांती, अनिल पटनायक, देवराज दुबे, नीरज पटनायक, चंदन पटनायक, काबल्या पटनायक, पिंटू पटनायक, उत्तम पटनायक, गुप्तेश्वर पटनायक, पंकज साहू, आद्यपदो साहू सहित काफी संख्या में कलाकार तथा छऊ प्रेमी दर्शक उपस्थित रहे।