जगन्नाथपुर में चल रहे श्रीमद् भागवत गीता का हुआ समापन; भंडारे का हुआ आयोजन…
सरायकेला – संजय मिश्रा । श्री भगवत गीता सेवा समिति के तत्वावधान सरायकेला प्रखंड अंतर्गत जगन्नाथपुर गांव में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का सोमवार को समापन हुआ। सात दिवसीय भगवत गीता पाठ में पंडित रमानाथ होता, बसंत कुमार प्रधान, दिनेश प्रधान, अजीत प्रधान, कृष्ण प्रधान एवं नागेश्वर प्रधान व्यासपीठ पर विराजमान होकर भागवत कथा का श्रवण कराया। श्रीमद्भागवत कथा में सम्पूर्ण धार्मिक प्रसंग सुनाए गए। साथ ही भजनों की प्रस्तुति से भक्तगण आत्मविभोर होकर झूम उठे। इसके साथ ही श्रीमद्भागवत कथा का सोमवार को समापन हुआ। भगवान श्रीकृष्ण के वात्सल्य व असीम प्रेम के अलावा उनके द्वारा की गई विभिन्न लीलाओं का वर्णन कर वर्तमान समय में समाज में व्याप्त अत्याचार, कटुता, व्यभिचार को दूर कर सुंदर समाज निर्माण के लिए युवाओं को प्रेरित किया। इस धार्मिक अनुष्ठान के समापन दिवस पर भगवान श्रीकृष्ण की सर्वोपरि लीला रासलीला, मथुरा गमन, दुष्ट कंस राजा के अत्याचार से मुक्ति के लिए कंसवध, शिशुपाल वध एवं सुदामा चरित्र का वर्णन कर लोगों को भक्तिरस में डुबो दिया। इस दौरान भजन गायकों ने उपस्थित लोगों को ताल एवं धुन पर नृत्य करने के लिए विवश कर दिया। इस कथा में बड़ी संख्या में महिला-पुरूषों भक्तों ने आनंद उठाया। उन्होंने सुंदर समाज निर्माण के लिए गीता से कई उपदेश के माध्यम अपने को उस अनुरूप आचरण करने को कहा। जो काम प्रेम के माध्यम से संभव है, वह हिंसा से संभव नहीं हो सकता है। समाज में कुछ लोग ही अच्छे कर्मों द्वारा सदैव चिर स्मरणीय होता है, इतिहास इसका साक्षी है। कथा के पश्चात आरती की गई व सभी भक्तों ने प्रसाद ग्रहण की। दिनेश प्रधान ने बताया कि कार्यक्रम के अंतिम दिन सोमवार को सुबह हवन एवं पूर्णाहुति तथा भंडारे का आयोजन आयोजकों द्वारा किया गया। श्रीभगवत गीता सेवा समिति के हिरेन प्रधान, दामोदर प्रधान, सहदेव सरदार, पंचानन महतो, चूनू प्रधान, शिव रतन प्रधान, हडिया प्रधान, मिहिर प्रधान, गुनाधर प्रधान, विष्णु प्रधान, हेमसागर प्रधान, दिलीप प्रधान, देवीदत्त प्रधान, हेमंत प्रधान, वशिष्ठ प्रधान, सुमित सरदार सहित अन्य ने व्यवस्थाओं में सहयोग किया।
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