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सरायकेला। सशक्त नारी-सशक्त परिवार, सशक्त समाज-सशक्त राष्ट्र का आधार के मूल मंत्र के साथ बृहस्पतिवार को गौरांगडीह गांव में सखी वन स्टॉप सेंटर का शुभारंभ किया गया। राज्य के परिवहन मंत्री सह आदिवासी कल्याण मंत्री चंपाई सोरेन ने इचागढ़ विधायक सविता महतो एवं बहरागोड़ा विधायक समीर महंती के साथ संयुक्त रुप से फीता काटकर सेंटर का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं एवं किशोरियों को सुरक्षा एवं अस्थाई आश्रय देने के साथ-साथ पुलिस सहायता, विधिक सेवा परामर्श, चिकित्सा सेवा और परामर्श सेवा जैसे निशुल्क सेवाएं देने को लेकर जिला प्रशासन द्वारा किए गए बेहतर प्रयास के रूप में सखी वन स्टॉप सेंटर है। उन्होंने जिलेवासियों से मौके पर अपील की कि महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग जिला प्रशासन के तत्वाधान संचालित किए जा रहे उक्त सखी वन स्टॉप सेंटर के प्रति जन जागरूकता लाई जाए। और ऐसे किसी भी हिंसा की शिकार पीड़ित महिलाओं एवं किशोरियों को सखी वन स्टॉप सेंटर तक पहुंचा कर समाज हित और मानव हित में उनकी सहायता की जाए।
मौके पर उपायुक्त अरवा राजकमल, उप विकास आयुक्त प्रवीण कुमार गागराई, अपर उपायुक्त सुबोध कुमार एवं सरायकेला अनुमंडलाधिकारी की उपस्थिति में उन्होंने सखी वन स्टॉप सेंटर का निरीक्षण करते हुए सेंटर में दी जाने वाली सुविधाओं और सेंटर के माध्यम से किए जा रहे कार्यों की जानकारी ली। इस अवसर पर बाल विकास परियोजना पदाधिकारी सह सखी वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक मधुलिका सिंहा एवं जिला समाज कल्याण पदाधिकारी संध्या रानी से सेंटर के विषय में जानकारी हासिल करते हुए आवश्यक निर्देश दिया कि सेंटर के लिए प्रचार प्रसार कर जन जागरूकता लाते हुए टोल फ्री नंबर की व्यवस्था की जाए। इसके साथ ही सेंटर में महिला थाना की सहभागिता को दुरुस्त किया जाए। कार्यक्रम के दौरान सरायकेला प्रखंड विकास पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी संतोष ठाकुर सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।

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ऐसे कार्य करेगा सखी वन स्टॉप सेंटर:- बलात्कार पीड़ित, घरेलू हिंसा पीड़ित, यौन शोषण पीड़ित, महिला तस्करी की शिकार, बाल यौन शोषण पीड़ित, गुमशुदा या अपहरण, बाल विवाह की शिकार, दहेज उत्पीड़न की शिकार, एसिड अटैक की शिकार और साइबर क्राइम की शिकार पीड़ित महिलाओं एवं किशोरियों को उक्त सेंटर में निशुल्क सेवाएं दी जाएंगी। जिसके तहत अस्थाई आश्रय के साथ-साथ पुलिस सहायता, आपातकालीन सेवा, विधिक सेवा परामर्श, चिकित्सा सेवा, काउंसलिंग की परामर्श सेवा जैसी सेवाएं पीड़ित महिलाओं और किशोरियों को सेंटर में निशुल्क दी जाएंगी।

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