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1984 बैच के छात्रों ने किया गुरु-शिष्य मिलन सह सम्मान समारोह का आयोजन…….

सरायकेला : गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागू पाय, बलिहारी गुरु आपनो गोविंद दियो बताय। कबीर दास के इस दोहे से गुरु की महिमा का बखान मिलता है, आज के इस वर्तमान समय में जहां गुरु शिष्य की मर्यादा धूमिल होती जा रही हैं वहीं नगरपालिका उड़िया मध्य विद्यालय के सन 1984 में आठवीं कक्षा के छात्र रहे जो आज खुद अभिभावक बन चुके हैं उन्होंने मिलकर सरायकेला के माजना घाट में गुरु शिष्य मिलन सह सम्मान समारोह का आयोजन किया, जिसमें उस बैच के लगभग 65 छात्रों ने मिलकर अपने तत्कालीन सभी गुरुजनों को याद करते हुए सादर आमंत्रित किया।
इस समारोह में सभी छात्रों ने अपने आमंत्रित गुरुजनों को पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया। तथा कुछ ऐसे गुरु जिनका निधन हो चुका है उनके परिवार के सदस्य को भी आमंत्रित कर सम्मान दिया गया। अपने स्वर्गीय गुरुजनों को सभी छात्रों ने एवं उनके सहयोगी रहे सभी गुरुजनों ने श्रद्धांजलि दी। और उन्हें याद किया। समारोह में उपस्थित गुरुजनों ने कहा की इस तरह के समारोह से हमें अपने पुराने दिनों की यादों को ताजा करने का मौका मिला। तथा अपने शिष्यों के इस प्रयास से हमें गर्व महसूस हुआ। इस समारोह में आमंत्रित गुरु रहे गिरीश धीर सामंत, मनेंद्र पटनायक, प्रबोध कुमार होता, सुबोध चंद्र पाणी, तथा गौरी शंकर आचार्य एवं स्वर्गीय राम प्रसाद मिश्र के पुत्र रूपेश कुमार मिश्र, स्वर्गीय निर्मल चंद्र कामिला के पुत्र विकास रंजन कामिला तथा स्वर्गीय पुकला चंद्र मिश्र के साला सुशांत कुमार आचार्य के साथ-साथ सभी छात्र जिनमें मिलन कुमार सिंह, राजेश कुमार अचार्य, अनूप पटनायक, आशीष कुमार पटनायक, राजेंद्र कुमार नंदा, कुंज बिहारी कर, समीरण पाणी, पिंकू सतपति, आलोक कुमार दास, राजकुमार मोदक के साथ-साथ सभी 65 छात्र उपस्थित रहे।
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