राष्ट्रीय भ्रष्टाचार नियंत्रण एवं जन कल्याण संगठन के यूथ सेल के प्रदेश आईटी
कोऑर्डिनेटर ने ग्रामीण क्षेत्रों में ऑनलाइन शिक्षा की समस्या को लेकर मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
सरायकेला। गुरुकुल के निदेशक एवं राष्ट्रीय भ्रष्टाचार नियंत्रण एवं जन कल्याण संगठन के युथ सेल के प्रदेश आईटी कोऑर्डिनेटर गजेंद्र नाथ चौहान ने ग्रामीण क्षेत्रों में ऑनलाइन शिक्षा में आ रही समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।
जिसमें उन्होंने कहा है कि कोरोना महामारी की वजह से शिक्षा क्षेत्र को काफी नुकसान पहुंचा है। इस दौरान स्कूल बंद होने से छात्रों की पढ़ाई का काफी नुकसान हुआ है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों का पठन-पाठन कोरोना काल में काफी मुश्किल हो गया है। और झारखंड में ऑनलाइन शिक्षा के सफलता की राह में मुश्किल है। क्योंकि 93.6% बच्चों के पास अपना मोबाइल नहीं है। बच्चे अपने परिवार के सदस्यों के मोबाइल से क्लास करते हैं।
जिससे मात्र 5.3% बच्चे ही ऑनलाइन पढ़ाई कर पा रहे हैं। इसके अलावा सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्याएं भी हैं। झारखंड में लॉकडाउन में बच्चों की पढ़ाई की स्थिति को लेकर भारत ज्ञान विज्ञान समिति ने सर्वे किया। जिसमें पाया गया कि 12.8% बच्चों को ही ऑनलाइन क्लास की पढ़ाई समझ में आती है। जबकि 19.7% बच्चे क्लास में बताई गई बातों को कभी कभी ही ठीक से समझ पाते हैं। चौंकाने वाला आंकड़ा मिला है कि 29.2% बच्चों को ऑनलाइन क्लास के बारे में जानकारी ही नहीं है। राज्य में ग्रामीण क्षेत्रों में केवल कुछ प्रतिशत बच्चों को ही ऑनलाइन क्लास में पढ़ाई अच्छे से समझ आ रही है। और अधिकतर बच्चों में पाया गया है कि वह पहली पड़ी हुई चीजें भी भूल चुके हैं। इसमें अभिभावकों और बच्चों का संयुक्त रुप से मानना है कि ऑनलाइन पढ़ाई के कारण राज्य में शिक्षा का स्तर काफी नीचे आ गया है। अतः सरकार को गांव मोहल्ला क्लास पर जोर देना चाहिए। जिसके तहत ऑनलाइन कक्षा करने के लिए संसाधन सुविधा उपलब्ध नहीं होने वाले क्षेत्रों में प्री प्राइमरी के बच्चों के लिए आंगनबाड़ी समूह का ज्यादा से ज्यादा सहयोग लेने पर पहल किया जाए। और प्राइमरी कक्षाओं के छात्र के लिए शिक्षक हर सप्ताह छात्रों के छोटे-छोटे समूहों के साथ साप्ताहिक कक्षाएं आयोजित कर उनको शिक्षा प्रदान करें। इसके तहत शिक्षक एक बच्चे की प्रगति का मूल्यांकन करने की स्थिति में होंगे।