जमीन विवाद : 40 घंटे घर बदर रहने के बाद वापस गांव लौटे एक ही परिवार के 32 सदस्य,
प्रशासनिक हस्तक्षेप के बाद हुआ संभव…..
सरायकेला। सरायकेला थाना अंतर्गत कालापाथर गांव के एक ही परिवार के 32 सदस्य घर बदर होकर बीते 4 जनवरी की शाम सरायकेला पहुंचे थे। जो सरायकेला स्थित रैन बसेरा में आश्रय लेकर रह रहे थे। इस दौरान उन्होंने सरायकेला थाने में भी जाकर जान माल की सुरक्षा की गुहार लगाई। जिसके बाद बृहस्पतिवार को पुलिस प्रशासन हरकत में आई। और मौके पर सरायकेला अंचलाधिकारी सुरेश प्रसाद सिन्हा एवं सरायकेला थाना प्रभारी मनोहर कुमार पुलिस बल के साथ कालापाथर गांव पहुंचकर दोनों ही पक्षों के बीच समझौता कराया। और दोनों को ही जमीन विवाद के मामले में कानूनी तौर पर मामला सुलझाने के निर्देश दिए। और जमीन विवाद को लेकर आपस में लड़ाई झगड़ा एवं मारपीट नहीं करने के सख्त निर्देश दिए गए। जिसके बाद घर बदर हुए परिवार एक बार फिर अपने घरों में पहुंचे।
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क्या था मामला :-
मामले की जानकारी देते हुए पीड़ित परिवार के सुरेश सोय एवं डॉक्टर सोय ने बताया है कि कालापाथर गांव के एक ही परिवार के दिनेश सोय का परिवार, पेरू सोय का परिवार, मुक्ता सोय का परिवार, बुधनी सोय का परिवार, डॉक्टर सोय का परिवार एवं पीरु सोय का परिवार के साथ बीते 4 जनवरी को दिन के तकरीबन 2:30 बजे गांव के ही बगल में रहने वाले लूतू सोय, मनोज कुमार सोय, पन्डु सोय, हिंदू सोय, लुतू सोय, विक्रम सोय, सोनू सोय उर्फ नुकन सोय, रायमुनि सोय एवं दुखनी सोय सहित उसी परिवार के 10-15 लोग घर पर आकर लाठी डंडा और धक्का-मुक्की किए। जिसमें डॉक्टर सोय की मां 65 वर्षीय मानी सोय जख्मी भी हो गई। इसके बाद सभी 6 परिवारों को घर से खींचकर निकालते हुए घरों में ताला लगा दिया। सुरेश सोय ने बताया है कि पुरखों के जमीन विवाद के मामले में उड़ीसा सेटलमेंट और बिहार सेटलमेंट में अलग-अलग होने और खरीदे गए जमीन पर भी तालाबंदी कर दबंगई के साथ घर बदर करने का काम किया गया है।
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