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“खेतों में उग रहे हैं इमारत, लालच छोड़ व्यवस्था नहीं सुधरी तो आने वाले समय में अनाज के पड़ेंगे लाले”

सरायकेला-खरसावां (संजय मिश्रा) सरायकेला खरसावां जिले में इन दिनों जमीन दलाली का कारोबार और जमीन दलालों की बल्ले बल्ले हैं। जो अब अपनी ही धरती के खेतिहर जमीन को भी येन केन प्रकारेण बेचने से बाज नहीं आ रहे हैं। इसका नजारा जिले भर में लिया जा सकता है। जहां खेतों में आवासीय घर के साथ-साथ बहुमंजिली इमारत के भी उगने के दीदार किए जा सकेंगे। विशेषकर मुख्य सड़क मार्ग के किनारे खेतिहर जमीन पर बने घर अब ताल ठोक कर कहने लगे हैं कि आने वाले समय में मुख्य सड़क से गुजरते हुए आप खेत नहीं देख पाएंगे। और विकास की नई कहानी रचते हुए सरायकेला खरसावां जिले के मुख्य सड़क मार्ग का सफर किसी महानगर के सफ़र से कम नहीं लगेगा। यहां बड़ा सवाल खड़ा किया जा रहा है कि यदि खेतों में अनाज की जगह मकान उगने का सिलसिला इसी प्रकार जारी रहा तो आने वाले कुछ एक वर्षों में किसान खेती से दूर होंगे। और अनाज के लिए हर एक किसी को बाहर से मंगाया हुआ दुकानों से खरीद कर खाने के लिए विवश होना होगा। मामले की गंभीरता को देखते हुए यहां तक कहा जा रहा है कि यदि व्यवस्था नहीं सुधरी तो आने वाले समय में स्थानीय कृषि आधारित अनाज के क्रय विक्रय का सारा मामला लोप हो जाएगा।
मामले पर जिला कांग्रेस पार्टी द्वारा पहली बार संजीदगी और संवेदनशीलता दिखाई जा रही है। जिसे लेकर कॉन्ग्रेस पार्टी के जिला महासचिव सुसेन मार्डी मुखर हुए हैं। इस संबंध में उन्होंने प्रेस बयान जारी कर कहा है कि सरायकेला एवं कांड्रा सड़क के किनारे बड़ी-बड़ी इमारतें बनाई गई है। जिनके जमीन की प्रकृति कृषि योग्य है। और उस जमीन की प्रकृति को बिना परिवर्तन किए ही मकान बनाया गया है। उन्होंने बताया है कि सरायकेला खरसावां जिला क्योंकि पांचवी अनुसूची के अंतर्गत आता है। इसलिए सीएनटी एक्ट 1960, पेसा कानून 1996 का घोर उल्लंघन करके सरकारी राजस्व का मिलीभगत से बिचौलियों द्वारा नुकसान पहुंचाया गया है। जिसमें बने मकान को लोगों को भाड़े पर उपलब्ध करा के उस पर व्यक्तिगत बिजली कनेक्शन लेकर भाड़ेदारों को भी उपलब्ध कराई जा रही है। जो सरासर गलत है। उन्होंने जल्द ही इस संबंध में उपायुक्त एवं बिजली विभाग के महाप्रबंधक से मिलकर उनके समक्ष मामले की गंभीरता से जांच करते हुए आवश्यक कार्यवाही करने की मांग रखने की बात कही है।


बिचौलिए है हावी :- बताया जा रहा है कि जिले भर में जमीन की खरीद-फरोख्त को लेकर जमीन दलालों का एक बड़ा लॉबी सक्रिय है। जिसमें अधिकांश दबंग किस्म के लोगों के शामिल होने से अक्सर दबंगई की घटना भी घटती हुई बताई जा रही है। इसके साथ ही जमीन की बिचौलियागिरी में कई एक संपन्न होते हुए भी बताए जाते हैं। जिसे लेकर जिले भर में यह एक बड़ा बिजनेस के रूप में स्थापित हो चुका है। बहरहाल पूरे मामले में बताया जा रहा है कि खेती की जमीन अपने अस्तित्व के लिए रो रही है। जिसका असर आने वाले समय में जिले के खाद्यान्न उत्पादन व्यवस्था पर व्यापक रूप से पड़ने की संभावना जताई जा रही है।

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