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सरायकेला-खरसावां (संजय मिश्रा) सरायकेला सदर अस्पताल में डायरिया, मलेरिया व टायफाइड के 80 मरीज इलाजरत हैं सबकी स्थिति ठीक है। सदर अस्पताल में  मलेरिया के 25 व टायफाइड के 55 मरीज इलाजरत हैं। सदर अस्पताल के डॉ. चंदन कुमार ने बताया कि बरसाती बीमारियों से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग एलर्ट है। सभी दवा सदर अस्पताल में उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि अभी सदर अस्पताल में 150 से 200 मरीज प्रतिदिन इलाज के लिए ओपीडी में आ रहे हैं। इसमें डायरिया, मलेरिया व टायफाइड के सबसे ज्यादा मरीज आ रहे हैं। डॉ. चंदन ने बताया कि टायफाइड एक तरह की बुखार है, जो संक्रामक होते हैं। इसी कारण घर में किसी एक सदस्य को टायफाइड होने पर अन्य सदस्यों को भी इसके होने का खतरा रहता है। मौसम में बदलाव और कुछ खानपान की गलत आदतों के कारण बुखार के वायरस आपको परेशान कर सकती है। टायफायड होने पर आमतौर पर जुकाम, खांसी, सिर दर्द, बदन दर्द, बुखार जैसी समस्याओं की शिकायत रहती है। टायफाइड मरीजों  को 103 से 104 डिग्री बुखार रह्ती है। एक सप्ताह के इलाज के बाद मरीज ठीक हो जाते हैं। पूरी तरह मरीज को ठीक होने में चार से छह हफ्ते लग जाते हैं। टायफाइड के दौरान मरीजों को कई तरह की समस्याओं का अनुभव होता है।

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