सरायकेला-खरसावां ( संजय मिश्रा) विद्यालय प्रबंधन समितियों एवं विद्यालय प्रबंधन विकास समितियों के वार्षिक आंतरिक अंकेक्षण कार्य में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी का भारी बोलबाला होता रहा है।
उक्त विचार देते हुए अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ की सरायकेला खरसावां इकाई द्वारा जिला शिक्षा अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर भयमुक्त और भ्रष्टाचारमुक्त वर्तमान में एसएमसी एवं एसएमडीसी के वित्तीय वर्ष 2020-21 का आंतरिक अंकेक्षण कार्य कराए जाने की मांग की गई है। संघ के जिला महासचिव माणिक प्रसाद सिंह द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया है कि जिला शिक्षा अधीक्षक के आदेशानुसार जिले के 137 विद्यालयों के विद्यालय प्रबंधन समितियों और विद्यालय प्रबंधन विकास समितियों का आंतरिक अंकेक्षण बीआरसी मुख्यालय में किया जाना प्रस्तावित है। संघ द्वारा बताया गया है कि आंतरिक अंकेक्षण के क्रम में छोटी-छोटी गलतियों के कारण अंकेक्षण दल के द्वारा विद्यालय प्रभारियों को डरा धमका कर मोटी राशि की वसूली का प्रयास किया जाता है। इस तरह के अनैतिक कृत्य से संबंधित समाचार सरायकेला खरसावां जिला सहित प्रदेश भर के सभी जिलों के दैनिक समाचार पत्रों में प्रमुखता से प्रकाशित हुआ था। संघ द्वारा इस संबंध में मांग किया गया है कि आंतरिक अंकेक्षण कार्य को पूरी तरह से भयमुक्त और भ्रष्टाचारमुक्त वातावरण में संपन्न कराने की समुचित व्यवस्था की जाए।
इस संबंध में संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक दत्ता ने बताया कि इस प्रकार के अनैतिक कृत्य के माध्यम से गलत परंपरा का उदय हो रहा है। बच्चों को भ्रष्टाचारमुक्त शासन व्यवस्था की पाठ पढ़ाने वाले गुरुजन ही यदि भ्रष्टाचार से प्रताड़ित होंगे, तो आने वाली पीढ़ी पर भी इस गलत परंपरा का प्रभाव पड़ने की प्रबल आशंका है।