सरायकेला: सरायकेला प्रखंड के जगन्नाथपुर स्थित गोकुल धाम नगर में विधिवत पूजा अर्चना के साथ 13 दिवसीय श्रीमद भागवत गीता पाठ का शुभारंभ हुआ। पूजारी पं रमानाथ होता द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना करते हुए भागवत गीता पाठ का शुभारंभ कराया गया। भागवत गीता पाठ के कथावाचक बसंत प्रधान ने बताया कि मनुष्य को पुण्य उदय से ही कथा श्रवण का अवसर प्राप्त होता है। प्रथम दिवस की कथा में भागवत के महत्व व्यास जी द्वारा भागवत की रचना, शुक्रदेव की जन्म और नारद जी के पूर्व जन्म की कथा का विस्तार से वर्णन किया। वैराग्य की कथा सुनाते हुए उन्होंने बताया कि एक बार नारद जी कलयुग में पृथ्वी पर भ्रमण करते हुए वृंदावन में गये तो वहां उन्होंने एक अजीब दृश्य देखा कि एक युवा स्त्री की गोद में दो बुजुर्ग व्यक्ति पड़े हुए हैं। जब नारद जी ने उस स्त्री से पूछा कि दो बुजुर्ग कौन हैं और तुम्हारा नाम क्या है तब उस युवती ने बताया कि मेरा नाम भक्ति है और ये दोनो बुजुर्ग मेरे पुत्र ज्ञाना ओर वैराग्य है। मैं युवा और मेरे पुत्र बुजुर्ग हैं। गुरुदेव ऐसे उपाय करो की मेरे पुत्र भी युवा हो जाए। तब नारद जी ने सारे वैदो के मंत्र सुनाए,गीता सुनाई फिर भी जवान नहीं हुए तब नारद ने सनकादिक के कहने पर सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सुनाई और कथा सुनते ही भक्ति के पुत्र ज्ञान वैराग्य युवा होकर नृत्य करने लगे। भागवत कथा अगले 13 दिनो तक चलेगी और इस दौरान प्रतिदिन शाम तीन बजे से लेकर शाम सात बजे तक कथावाचक भागवत पाठ करेगे। भागवत गीता पाठ के आयोजन में विमल प्रधान,दामोदर प्रधान,दिनेश प्रधान,सहदेव सरदार,देवीदत्त प्रधान, चंद्रशेखर प्रधान,सुंदर प्रधान व दीपक प्रधान समेत समस्त ग्रामीणों का सराहनीय योगदान रहा है।
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