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डीआरएम ने रखी नए रेलवे स्टेशन की आधारशिला, निरीक्षण के क्रम में एजेंसी कर्मियों को लगायी फटकार…..


सरायकेला। दक्षिण पूर्व रेलवे के सीकेपी रेल डिवीजन के डीआरएम विजय कुमार साहू शनिवार को आदित्यपुर पहुंचे. वैसे उनके यहां आने का उद्देश्य आदित्यपुर रेलवे स्टेशन के नए बिल्डिंग और फुटओवर ब्रिज का शिलान्यास करना था, मगर इससे पूर्व उन्होंने रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया और रेल अधिकारियों से लेकर संवेदकों की जमकर क्लास लगाई.

डीआरएम के रौद्र रूप को देखते हुए सभी अधिकारी और एजेंसी कर्मी शुरुआत में तो भीगी बिल्ली बने रहे, मगर जैसे- जैसे डीआरएम प्रोजेक्ट का मुआयना करते गए अधिकारी एवं एजेंसीकर्मी सहज होते गए. अंत में डीआरएम ने रेलवे स्टेशन और फुट ओवर ब्रिज के लिए ईंट फेंककर फाउंडेशन स्टोन रखे और मिनरल वाटर से आचमन किया इस दौरान मौके पर मौजूद सभी अधिकारियों और एजेंसी कर्मियों ने भी यही प्रक्रिया अपनाया. सभी के पांव में जूते भी रहे. उसके बाद डीआरएम ने रेल अधिकारियों एवं एजेंसी कर्मियों को जरूरी दिशा निर्देश देने के बाद शिला पट्ट का अनावरण किया. मीडिया के सवालों पर उन्होंने खुद के भड़के जाने को एक औपचारिकता बताया और कहा किसी पर कार्रवाई के उद्देश्य से गुस्सा नहीं किया, बल्कि काम में विलंब होने पर नाराजगी जताया हूं. उन्होंने कहा अगले साल अगस्त महीने तक कार्य पूरा हो जाएगा. वहीं आदित्यपुर रेलवे स्टेशन में ट्रेनों के ठहराव को लेकर कहा, कि अभी कल ही नया आदेश आया है, रिव्यू करने के बाद विचार किया जाएगा.

कांग्रेसी नेताओं पर पहले भड़के फिर सुनी समस्या, तत्काल एक मांग मानी, एक नेता स्थिति को देख मौके से खिसक गए


निरीक्षण के क्रम में कांग्रेसी नेता सुरेशधारी एवं समरेंद्र तिवारी जैसे ही डीआरएम से मिलकर आदित्यपुर में साउथ बिहार एक्सप्रेस एवं छपरा- टाटा के पुनः ठहराव शुरू किए जाने की मांग रखनी चाही, कि डीआरएम ने दोनों ही नेताओं को कहा हमने आपको बुलाया नहीं है, आप ज्ञापन दें और मुझे अपना काम करने दें. यह कहते हुए डीआरएम आगे बढ़ गए. इसी बीच कांग्रेसी नेता सह सांसद प्रतिनिधि जगदीश नारायण चौबे भी वहां पहुंच गए, हालांकि डीआरएम के रुख को देखते हुए वे बगैर डीआरएम से मिले बीच में ही खिसक गए. वैसे सुरेशधारी और समरेंद्र तिवारी अंत तक डटे रहे और अपनी बातों को रखकर ही माना. सुरेशधारी ने साउथ बिहार एक्सप्रेस और टाटा छपरा एक्सप्रेस के पुनः ठहराव की मांग रखी, जबकि समरेंद्र तिवारी ने स्टेशन परिसर में शौचालय नहीं होने से महिलाओं एवं बुजुर्गों को होने वाली परेशानियों से अवगत कराया. डीआरएम ने सुरेशधारी की मांग को रिव्यू के बाद बहाल करने और समरेंद्र तिवारी की मांग पर तत्काल एजेंसी कर्मियों एवं रेल अधिकारियों को तीन शौचालय और बाथरूम बनाने का निर्देश दिया. जिसके बाद डीआरएम सड़क मार्ग से अन्य प्रोजेक्ट के निरीक्षण के लिए निकल पड़े.

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