सरायकेला। केन्द्र सरकार के देश को ग्रीन इण्डिया के रूप में देखने की परिकल्पना को लेकर देश के बडे उधोगपति टाटा और सिडबी ने एसिया का सब से बड़ा औधोगिक क्षेत्र में कदम रखा है। जिसके तहत सभी सूक्ष्म और लघु उद्योग सोलर उर्जा से संचालित होंगे। इसे लेकर सिडबी ने सभी उधोगपति के साथ सेमिनार किया।
सेमिनार में बताया गया कि ऊर्जा की वर्तमान आवश्यकताओं एवं पर्यावरण रक्षा को देखते हुए अब गैर परंपरागत ऊर्जा के स्रोत पर निर्भरता कम करने का प्रयास पूरे देश में किया जा रहा है। इसके लिए ऊर्जा के अक्षय स्रोत सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसकी शुरुआत सरायकेला खरसावां के औद्योगिक क्षेत्र आदित्यपुर में भी कर दी गई है। औद्योगिक क्षेत्र की सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) कंपनियों के शेड पर सोलर पैनल लगाकर सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जाएगा। इससे उद्योगों को सस्ती व निर्बाध बिजली मिलेगी इस दिशा में उद्यमियों के सहयोग के लिए सिडबी टाटा पावर सोलर रूफ ने संयुक्त वित्तीय सहायता योजना लेकर आया है। सिडबी उद्यमियों को साढ़े तीन करोड़ रुपए तक का ऋण बगैर गारंटर के देगी। केंद्र सरकार की बैंकिंग एजेंसी सिडबी ने आदित्यपुर के एमएसएमई उद्योगों के लिए डिजिटल फायनेंस स्कीम की रीलॉन्चिंग किया है।
आदित्यपुर के एक होटल में टाटा सोलर पॉवर के साथ सेमिनार कर सिडबी के जीएम राजीव कुमार और आदित्यपुर के शाखा प्रबंधक सुमिरन एल राज ने अपनी स्कीमों से आदित्यपुर के करीब 200 उद्यमियों को अवगत कराया। सस्ते डिजिटल ऋण की जानकारी देते हुए सिडबी केजीएम ने बताया कि स्थापित उद्योगों को 7 करोड़ रुपए तक का ऋण बिजनेस बढ़ाने के लिए मात्र 5 से 6 फीसदी ब्याज दर पर, नए उद्योगों को स्थापित करने के लिए 20 करोड़ रुपए तक का ऋण महज 6 से 7 फीसदी ब्याज दर पर देगी। यह ऋण डिजिटली एयूब्ड कर दिए जाएंगे, जबकि साढ़े 3 करोड़ तक का ऋण बगैर गारंटर के कोई भी उद्यमी महज साढ़े 5 से 6.8 फीसदी के ब्याज दर पर ले सकते हैं।
वहीं सेमिनार में टाटा सोलर पॉवर
की निकिता, एसिया अध्यक्ष संतोष खेतान व महासचिव दशरथ उपाध्याय, लघु उद्योग भारती के जिलाध्यक्ष शंभू जायसवाल व महासचिव समीर सिंह मौजद रहे।