Spread the love

सरायकेला में भक्ति भाव से मनी कार्त्तिक पूर्णिमा,लोगो ने पूजा अर्चना कर किया दान पुण्य

सरायकेला : जिला मुख्यालय सरायकेला सहित महालीमुरूप, सीनी, राजनगर, कोलाबीरा, दुगनी एवं आसपास के क्षेत्र में पवित्र कार्तिक माह के अंतिम दिन कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर ब्रह्ममुहूर्त में सैकड़ों की संख्या में लोगों ने सूर्योदय से पूर्व नदी के घाटो में आस्था की डुबकी लगायी। इसके बाद पवित्र स्नान कर मंदिरों में पूजा- अर्चना किये। इस दौरान सरायकेला के जगन्नाथ श्री मंदिर, स्थानीय शिव मंदिर व श्री राधा कृष्ण मंदिरो में भक्तो का तांता लगा रहा।

कार्त्तिक पूर्णिमा को लेकर महाप्रभु जगन्नाथ, बलभद्र एवं देवी सुभद्रा का मौके पर विशेष श्रृंगार किया गया। कई घरों में भगवान श्री सत्यनारायण की व्रत कथा का भी आयोजन किया गया। उल्लेखनीय है कि हिंदू धर्म शास्त्र में कार्तिक माह को काफी पवित्र माह माना जाता है। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर हर धार्मिक अनुष्ठान ईश्वर को स्वीकार होता है। मौके पर कई स्थानों में श्री सत्यनारायण व्रत कथा का भी आयोजन किया। पूजा के पश्चात श्रद्धालुओं में प्रसाद का वितरण किया गया।

सरायकेला- खरसावां में सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर पवित्र विष्णु पंचक व्रत का पारण किया गया। काफी संख्या में महिलाओं ने कार्तिक माह के दशमी से लेकर पूर्णिमा तक विष्णु पंचक व्रत रखा था। कार्तिक पूर्णिमा के साथ 5 दिवसीय पंचक व्रत का भी समापन हो गया। अधिकांश घरों में तुलसी मंडप के पास रंग-बिरंगी रंगोली बना कर राई-दामोदर की पूजा की गयी। ओड़िया समुदाय के लोग कार्तिक पूर्णिमा को सबसे महत्वपूर्ण दिन मानते हैं और इस दिन को हर संभव दान पुण्य का कार्य करते हैं। इसके साथ ही बोईतो बंदाणों परंपरा का पालन करते हुए सभी ने केले की लकड़ी से बने नाव को दीपदान कर और अपने इष्ट की आराधना करते हुए खरकाई नदी में बहाया।

Advertisements

You missed