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जंगली हाथी ने ली खेत से लौट रहे 40 वर्षीय किसान की जान, भांजे ने भागकर बचाई जान,

वन विभाग ने दिया तत्काल का मुआवजा

 

सरायकेला। सरायकेला प्रखंड अंतर्गत भालूकपहाड़ी क्षेत्र में पहुंचे जंगली गजराजों के झुंड ने भालूकपहाड़ी के महुलपानी टोला स्थित 40 वर्षीय किसान विभीषण महतो की जान ले ली। घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि बीते शनिवार की शाम जंगली हाथियों का झुंड भालूकपहाड़ी वन क्षेत्र में पहुंचा। दो दलों में पहुंचे जंगली हाथियों के एक दल में नन्हा गजराज सहित 11 जंगली हाथियों का झुंड बताया गया। जबकि दूसरा दल अकेले एक जंगली हाथी का देखा गया।
शनिवार की देर शाम तकरीबन 7:30 बजे विभीषण महतो अपने भांजे लालू महतो के साथ खेत में पड़े धान की फसल को देख कर वापस अपने घर की ओर लौट रहे थे। तभी अचानक से जंगली हाथी उनके सामने आ गए। यह देख भगीना लालू महतो सुरक्षा की आवाज लगाते हुए भागने में सफल रहा। जबकि किसान विभीषण महतो जंगली हाथियों की चपेट में आ गए। जिन्होंने ग्रामीणों के पहुंचने से पहले ही विभीषण महतो को पटक-पटक कर मार डाला। घटना की सूचना मिलते ही मुंडाटांड पंचायत के पूर्व मुखिया दशरथ महाली घटनास्थल पर पहुंचकर इसकी जानकारी वन विभाग को दिए। जिस पर फॉरेस्टर त्रिदीप महतो अपने दल बल के साथ जाकर भालूकपहाड़ी क्षेत्र में कैंप किए। जिसके बाद जंगली हाथियों के दोनों दल को सुरक्षित डुमरा की ओर रवाना किए जाने की बात बताई गई।
घटना के बाद रविवार की अहले सुबह पुलिस ने पहुंचकर शव का पंचनामा करते हुए पोस्टमार्टम के लिए सरायकेला सदर अस्पताल भेज दिया। इसके साथ ही वन विभाग की ओर से रेंजर प्रकाश चंद्र एवं फॉरेस्टर त्रिदीप महतो सहित वनरक्षी मृतक विभीषण महतो के घर पर जाकर उनकी पत्नी को सरकारी प्रावधान के अनुसार त्वरित लाभ के रूप में 25000 की राशि प्रदान किए। उन्होंने बताया कि शेष प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रावधान के अनुसार मृतक के परिजन को  375000 और प्रदान किया जाएगा।

इधर घटना को लेकर स्थानीय ग्रामीणों में दहशत और आक्रोश दोनों ही समान रूप से लिखा जा रहा है। आंखों आंखों में कट रही रात का बयान करते हुए ग्रामीण बताते हैं कि भालूकपहाड़ी क्षेत्र में प्रतिवर्ष सीजन के दिनों में जंगली हाथियों का आतंक छाया रहता है। और जान-माल की क्षति की जाती रही है। इससे 3 वर्ष पूर्व भी ससुराल आए एक दामाद को जंगली हाथियों ने अपनी चपेट में लिया था। जो वर्तमान में दोनों पैरों से दिव्यांग हो चुका है।

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