जिला स्तरीय नक्सल आत्मसमर्पण पुनर्वास समिति की हुई बैठक,
जिले में आत्मसमर्पण किए गए 5 मामलों पर विचार विमर्श किया गया
सरायकेला। जिला समाहरणालय स्थित उपायुक्त कार्यालय कक्ष में जिला स्तरीय नक्सल आत्मसमर्पण पुनर्वास समिति की बैठक की गई। जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त अरवा राजकमल की अध्यक्षता में की गई उक्त बैठक में पुलिस अधीक्षक आनंद प्रकाश, डीएसपी चंदन कुमार वत्स, एएसपी, डीएमडीआईसी, एलडीएम एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में जिले में आत्मसमर्पण किए गए 5 मामलों पर विचार विमर्श किया गया। मौके पर उपायुक्त ने कहा कि पूर्व में नक्सल गतिविधियों में संलिप्त पूर्व नक्सल एवं उनके परिवार को आगे बढ़ाते हुए उन्हें सरकार के कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ लाभान्वित करने, अपने आवास के लिए भूमि आवंटित करने के संबंध में, आवास आवंटित करने के संबंध में, कौशल प्रशिक्षण से जोड़ने के संबंध में या उनकी सुरक्षा को देखते हुए उन्हें ओपन जेल में रखने तथा राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराने के संबंध में समिति द्वारा एक अहम निर्णय लिया गया है। बाइक ने कहा कि ऐसे परिवार के जीवन की रास्ता को अच्छी मार्ग पर लाने के लिए राज्य सरकार एवं प्रशासन निरंतर कार्य कर रही हैं।
इस दौरान उपायुक्त ने जिला सहित अन्य जिलों से भी ऐसी कोई व्यक्ति चाहे वह किसी भी कारण से मुख्य धाराओं से भटक कर ऐसी गतिविधि की तरफ बढ़ते या किसी डर के कारण नक्सल गतिविधि से जुड़ते हैं, उनसे अपील करते हुए उन्हें राज्य सरकार कि आत्मसमर्पण नीति से जुड़कर समर्पण करने की बात कही। उपायुक्त ने कहा कि राज्य सरकार की आत्मसमर्पण नीति काफी अच्छी है। जिसका परिणाम है कि विगत सालों में कई सारे संख्या में नक्सल गतिविधियों से जुड़े व्यक्ति भी नीति से जुड़कर आत्मसमर्पण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिंसा की मार्ग से समाज को कभी भी विकास की ओर बढ़ाया नहीं जा सकता है। इसलिए अपने एवं अपने परिवार तथा समाज के कल्याण एवं विकास के लिए ऐसे भटके लोगों को मुख्यधारा में लौटना होगा। बैठक के दौरान उपायुक्त ने नक्सल द्वारा किए गए बंदी के संबंध में संबंधित पदाधिकारियों से जानकारी हासिल करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
