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राष्ट्रपति शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित जिले की एकमात्र शिक्षिका

संध्या प्रधान को राज्य शिक्षक सम्मान से नवाजा गया

सरायकेला। कहते हैं कि आसमान भी सुराख संभव है, बस एक पत्थर तो तबियत से उछालने की जरूरत है। कुछ ऐसा ही जज्बा रखने वाली जिले की एकमात्र राष्ट्रपति शिक्षक सम्मान से सम्मानित शिक्षिका संध्या प्रधान का रहा है। जिन्हें इस वर्ष झारखंड राज्य की 21वीं स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा 16 नवंबर को राज्य शिक्षक सम्मान समारोह में सम्मानित किया गया। जिले की शिक्षा जगत में नि:स्वार्थ एवं बच्चों की शिक्षा के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रही महिला शिक्षिका संध्या प्रधान को वर्ष 2019 में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए राष्ट्रपति शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा इससे पूर्व भी उन्हें राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय कई पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।

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शिक्षिका संध्या प्रधान के फर्श से अर्श तक का सफर

शिक्षिका संध्या प्रधान स्विंग बताती है कि आदित्यपुर के झोपड़ी स्कूल के नाम से चर्चित विद्यालय आज उनके प्रयास और कई संस्थाओं एवं प्रकार की सहायता से 4 मंजिला इमारत के भव्य एवं आकर्षक तथा बच्चों के लिए आनंददायक विद्यालय के रूप में स्थापित है। जहां वे 1000 से अधिक छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ जीवन में स्वच्छ रहने का संदेश प्रतिदिन दे रही हैं। आदित्यपुर न्यू कॉलोनी उत्क्रमित उच्च विद्यालय में कार्यरत शिक्षिका संध्या प्रधान बताती है कि विद्यालय में महिला शक्ति का प्रयोग कर विद्यालय की कक्षाओं में चल रहे बाहरी तत्वों कि नशाखोरी और लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार के खिलाफ उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों से निर्भीक होकर मुकाबला की। इस दौरान जहां कई लड़कियां स्कूल छोड़ चुकी थी। अभिभावकों ने शिक्षिका संजय प्रधान पर विश्वास कर अपनी बच्चियों को दोबारा से स्कूल भेजना प्रारंभ किया है। वे बताती हैं कि आज विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलने के साथ-साथ भयमुक्त वातावरण होने के कारण छात्राएं निर्भीक होकर स्कूल आती हैं।

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