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तिल्ला रेलवे फाटक के पास पहुंचे और ट्रैक पर करीब तीन बजे बैठ गए. तिल्ला फाटक के पास कुड़मी समाज के तीन हजार से अधिक लोग एक साथ बैठकर मांगों को पूरा करने के लिए नारेबाजी करने लगे.

आदिवासी कुड़मी समाज का घोषित आन्दोलन का मिलाजुला असर , ट्रेन अपनी समय पर यथावत् परिचालन,आन्दोलनकारीयों ने चकमा देकर तिल्ला फाटक रेलवे ट्रेक पर पहुंचकर पुलिस की सभी योजना को किया धराशाही…

पुलिस ने किया आन्दोलनकारी पर लाठी चार्ज,  चकमा देकर तिल्ला फाटक रेलवे ट्रेक पर पहुंचे तीन हजार की संख्या में अन्दोलनकारी, एक साथ बैठकर मांगों को पूरा करने के लिए किया नारेबाजी …

सुदेश कुमार

कुड़मी समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने, कुड़माली भाषा को आठवीं अनुसूची में सूचीबद्ध करने और प्रकृति धर्म कोड लागू करने की मांग पर आदिवासी कुड़मी समाज अनिश्चितकालीन रेल टेका व डहर छेंका आंदोलन पूर्व घोषित कार्यक्रम को लेकर आज नीमडीह स्टेशन में एकजुट हुये । नीमडीह और पटमदा की और से आने वाले आन्दोलनकारीयों को स्टेशन के पूर्व ही सड़क पर रोक दिया गया।

आंदोलन के पहले दिन बुधवार को नीमडीह स्टेशन पर सुबह से आंदोलन का कोई असर नहीं देखा गया. ट्रैक पर ट्रेनों का आवागमन सामान्य है. स्टेशन और आसपास के क्षेत्र में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. रेलवे पुलिस के अलावा जीआरपी व जिला पुलिस के जवान महिला बल के साथ मुश्तैद है. बुधवार को सुबह से हावड़ा-चक्रधरपुर, हटिया-टाटा, चक्रधरपुर-गोमो, पुरी-नई दिल्ली पुरुषोत्तम एक्सप्रेस, टाटा-आरा एक्सप्रेस, झाडग्राम-पुरुलिया पैसेंजर, रांची-हावड़ा इंटरसिटी एक्सप्रेस समेत कई अन्य यात्री और मालबहक ट्रेनों का आवागमन जारी रहा ।

अशोक विश्वास स्टेशन मास्टर

अनिश्चितकालीन रेल टेका व डहर छेंका आंदोलन झारखंड के नीमडीह, घाघरा, मुरी व गोमो रेलवे स्टेशन पर आहूत की गई है. आंदोलन को लेकर कुड़मी समाज के लोग मंगलवार के शाम से ही जुट रहे थे । एक ओर बरसात ने आन्दोलन को तोड़ने का काम किया वही दुसरी ओर कलकता हाई कोट के निणर्य पर भी आन्दोलन तीनों राज्य में लगभग विफल रहा । पुलिस बल ने सभी स्टंेशनों को घेर रखा और आन्दोलन कारीयों को स्टेशन पर आने से रोकने में प्रसाशन सफल रहा । नीमडीह स्टेशन पर तैनात नीमडीह सीओ ने बताया की कलकता हाई के निणर्य के आलोक में अनुमण्डल पदाधिकारी के द्वारा आदेश पर राज्य सरकार के निर्देश पर स्टेशन पर 144 लगाते हुये स्टेशन पर आन्दोलनकारी को नहीं पहुचने देने का आदेश दिया गया है जिसका पालन किया जा रहा है ।

संजय पाण्डे, नीमडीह सीओ

वही पूर्व धोषित कार्यक्रम के आधार पर आन्दोलनकारी अपनी मांगों को लेकर आन्दोलन स्थल पर महिला पुरूष पहुंचे और सुबह 7 बचे से रेलवे ट्रेक पर जाने का प्रयास कर रहे थे । गांव से आदिवासी कुड़मी समाज के महिला के साथ बच्चे भी आन्दोलन में पहुंचे इस दौरान आन्दोलनकारी मुड़ी प्याज भोजन कर अपने आन्दोलन को सफल बनाने को लेकर प्रसाशन का विरोध करते रहे । अपनी मांगों पर अढ़े रहे ।

आन्दोलनकारी

 

पुलिस ने किया आन्दोलनकारी पर लाठी चार्ज…

नीमडीह रेलवे स्टेशन पर अनिश्चितकालीन रेल टेका व डहर छेंका आंदोलन शुरू करने की घोषणा की गई थी. इसके तहत समाज के लोग नीमडीह स्टेशन पहुंच रहे थे कि पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया. इस दौरान लाठीचार्ज और पत्थरबाजी की घटना भी हुई. इस दौरान दोपहर तक ट्रेनों का आवागमन सामान्य रहा. आंदोलन की घोषणा के बाद स्टेशन और आसपास के क्षेत्र में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. रेलवे पुलिस के अलावा जीआरपी व जिला पुलिस के जवान महिला बल के साथ मुश्तैद है.

 

लाठीचार्ज की घटना के बाद आदिवासी कुड़मी समाज के नेताओं ने रणनीति बनाई और अपनी मांगों को अंजाम तक पहुंचाने के लिए किसी भी कीमत पर रेल ट्रैक पर बैठने का निर्णय लिया. इसके बाद सभी नीमडीह रेलवे स्टेशन से चांडिल की ओर करीब एक किलोमीटर दूर स्थित तिल्ला रेलवे फाटक के पास पहुंचे और ट्रैक पर करीब तीन बजे बैठ गए. तिल्ला फाटक के पास कुड़मी समाज के तीन हजार से अधिक लोग एक साथ बैठकर मांगों को पूरा करने के लिए नारेबाजी करने लगे. समाज के लोग अप और डाउन लाइन पर बैठकर रेल परिचालन को ठप करने का निर्णय लिया है. आंदोलन के मद्देनजर आंदोलनाकारियों के पहुंचने का सिलसिला जारी है. आदिवासी कुड़मी समाज के रेल टेका-डहर छेंका आंदोलन के दौरान रेलवे ट्रैक पर पर झूमर गीतों पर लोग थिरक रहे थे. समाज की महिलाएं और युवतियां झूमर नृत्य कर रही थी. कुल मिलाकर लोग मनोरंजन करते हुए सरकार के समक्ष अपनी मांगों को पहुंचा रहे हैं.

आन्दोलनकारीयों रेलवे ट्रेक पर पहुंचकर पुलिस की सभी योजना को किया धराशाही

तिल्ला फाटक के पास रेल ट्रैक पर आदिवासी कुड़मी समाज के आंदोलनकारियों के बैठने की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में पुलिस मौके पर पहुंची. फिलहाल पुलिस स्थिति पर नजर रखी हुई है. रेल ट्रैक के दोनों ओर से पुलिस पहुंची है और आंदोलनकारियों पर नजर रखी हुई है. आंदोलनकारियों में बड़ी संख्या में महिलाओं के शामिल होने के कारण महिला पुलिस को भी बड़ी संख्या में तैनात किया गया है. वहीं मौके पर पहुंचे पुलिस-प्रशासन के अधिकारी आंदोलनाकरियों के हर हरकत की जानकारी वरीय पदाधिकारियों को दे रहे है. रेलवे ट्रैक पर आंदोलनकारियों के बैठने के बाद उस रास्ते अबतक एक भी ट्रेन नहीं गुजरी है.

 

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