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राजभवन के समक्ष जाकिर हुसैन पार्क में 30 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर फिर से बैठेंगे चांडिल डैम के 84 मौजा के विस्थापित…

 

चांडिल (विद्युत महतो) अखिल झारखंड विस्थापित अधिकार मंच के तत्वावधान में फिर से 10 सूत्री मांगपत्र के साथ सैंकड़ों विस्थापित जाकिर हुसैन पार्क में अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठेंगे । इसके लिए 17 अक्टूबर को 10 सूत्री मांग पत्र के साथ महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया। जिसका प्रतिलिपि अनुमंडल पदाधिकारी रांची व नगरनिगम आयुक्त रांची को भी दिया गया। मंच के अध्यक्ष राकेश रंजन महतो ने कहा कि मंच के बैनर तले चांडिल डैम के 84 मौजा 116 गांव के विस्थापित पिछले 16 जून 2023 से चांडिल डैम स्थित पुराना अधीक्षक कार्यालय परिसर में 122 दिनों से अधिक अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे हैं। परंतु अभी तक विस्थापितों की मांगों को लेकर विभाग एवं सरकार द्वारा कोई सकारात्मक पहल नहीं किया गया है।

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इस विषय के संदर्भ में दिनांक 1 अक्टूबर 2023 को धरना स्थल चांडिल से 3 अक्टूबर 2023 राजभवन रांची तक शांतिपूर्ण एवं संवैधानिक तरीके से अधिकार पदयात्रा भी किया गया पर महामहिम से वार्ता नहीं हो सका और न ही वार्ता के लिए महामहिम के कार्यालय से अबतक कोई पहल किया गया। जबकि एक दिवसीय सत्याग्रह धरना-प्रदर्शन के दौरान महामहिम राज्यपाल के व्यक्तिगत सहकर्मी के द्वारा कहा गया कि चार दिन उपरांत ही सभी विस्थापितों की समस्याओं को सुनेंगे। परंतु आज 28 दिन बीत जाने के वावजूद भी हमें न ही कोई सूचना और न ही विस्थापित के हितों में सरकार की तरह से कोई ठोस कदम उठाया गया। इसलिए 30 अक्टूबर 2023 सोमवार को नामकुम रेलवे स्टेशन से जाकिर हुसैन पार्क राजभवन तक ध्वनियंत्र वाहन के साथ शांतिपूर्ण तरीके से अधिकार पदयात्रा करने के बाद राजभवन के समक्ष जाकिर हुसैन पार्क में 10 सूत्री मांगों को लेकर विस्थापितों द्वारा अनिश्चितकालीन आमरण अनशन करने का निर्णय लिया गया है।

मंच के अध्यक्ष ने 10 सूत्री मांगों को लेकर कहा कि पुनर्वास के लिए मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराया जाए एवं पुनर्वास स्थल पर बसाए गए सभी विस्थापितों को जमीन का पट्टा दिया जाए। चांडिल डैम द्वारा विस्थापन के बदले में मुआवजा, नौकरी, विकास पुस्तिका, पुनर्वास पैकेज तथा पुनर्वास स्थल पर आवंटित किया गया प्लॉटों का सीबीआई जांच हो। सभी विस्थापितों को खतियान के समतुल्य एक विशेष पहचान पत्र दिया जाए। चांडिल डैम के माध्यम से सृजित होने वाले हर योजना में रोजगार और लाभ का पहला अधिकार चांडिल डैम विस्थापितों को प्राप्त हो। चांडिल डैम विस्थापितों का संपूर्ण समस्या का समाधान होने तक डैम का जलस्तर 177 आरएल पर रखा जाए।

28 सितंबर 2022 को अनशन के दौरान चांडिल डैम कार्यालय परिसर के समक्ष ट्रैक्टर द्वारा कुचले जाने से घायल हुए व्यक्तियों को मुआवजा तथा सरकारी नौकरी दिया जाए। प्रत्येक विकास पुस्तिका में विस्तापित परिवार को सरकारी नौकरी दिया जाए अथवा प्रत्येक विस्थापित परिवार के लिए 60 लाख रुपये मुआवजा देने के आदेश के तर्ज पर चाण्डिल डैम विस्थापितों को आज के महंगाई अनुसार मुआवजा दिया जाए। फिर उसने कहा कि प्रावधानों के अनुसार प्रत्येक विस्थापित परिवार को 25 डिसमिल जमीन दिया जाना था, जो अब तक किसी को नहीं मिला, जिसे जल्द पूरा किया जाए । उन्होंने आगे कहा कि हमारी मांगों में यह भी शामिल है कि 18 वर्ष पूरा होने वाले सभी विस्थापितों के नाम विकास पुस्तिका निर्गत किया जाए। हमारी मांगों में विस्थापित एवं सरकार के बीच सांमजस्य स्थापित हेतु समन्वय समिति परियोजना का गठन किया जाए एवं उस समिति में अखिल झारखंड विस्थापित अधिकार मंच को भी रखा जाए।-

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