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गरीबों को रोजगार देने वाला मनरेगा योजना अब भ्रष्ट्राचार का अड्डा बना, पदाधिकारी और जनप्रतिनिधी की मिलिभगत कर गरीब मजदूरों का हक पर डाल रहे है डाका…

चांडिल (विद्युत महतो) राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 के तहत देश के गरीब मजदूर लोगो को एक सौ दिनों का रोजगार मुहैया कराने के लिए मनरेगा योजना का शुभारंभ किया गया था। भारत सरकार एवं राज्य सरकार गरीबों के हित में बड़े ही अच्छे और स्लोगन के साथ रोजगार मुहैया कराने के लिए धरातल में योजनाएं लाती है

परंतु देखा जाए तो गरीब मजदूर लोग योजना का लाभ से कोशो दूर होते है। दरसल बात है कि चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के कुकड़ू प्रखंड के कुकड़ू पंचायत के सीसी गांव का मामला है जहां गरीब मजदूर में रोजी रोटी के लिए हाहाकार मचा हुआ है, यहां के जनप्रतिनिधि एवं विभागीय अधिकारी के साथ मिली भगत कर विचोलिय द्वारा मशीन से कार्य कराया जा रहा है।

ताजा मामला कुकरु प्रखंड के सीसी ग्राम का है। जहां लगभग 2/3 एकड़ में मनरेगा योजना के तहत टीसीबी का निर्माण मशीन द्वारा किए जाने पर ग्रामीण मजदूर ने जमकर विरोध किया। मजदूरों का कहना है कि मशीन द्वारा काम कराए जाने के कारण उन्हें रोजगार नहीं मिल रही है और वे चिंतित है की आने वाले दुर्गापूजा कैसे मनाया जाएगा ।
वही ग्रामीणों का मांग है कि उक्त कार्य को जांच कर तत्काल करवाए किया जाय। मौके पर शिबलोचन माछूआ, गोपीनाथ मछुआ, गुणधर सिंह मुंडा, निताई योगी, शुक्रराम महतो, सीमांत सिंह मुंडा,शम्भू सिंह मुंडा, गणेश सिंह मुंडा, धीरज नायक, रतन योगी, भारत महतो आदि उपस्थित थे।

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