
सरला बिरला विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय नर्सिंग दिवस पर भव्य कार्यक्रम
रांची : आज, सरला बिरला विश्वविद्यालय (एसबीयू) के सुरम्य परिसर में स्थित प्रतिष्ठित महादेवी बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग एंड क्लीनिकल टेक्नोलॉजी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय नर्सिंग दिवस का आयोजन किया गया। विश्व स्तर पर प्रतिवर्ष 12 मई को मनाया जाने वाला यह महत्वपूर्ण दिवस आधुनिक नर्सिंग की प्रणेता फ्लोरेंस नाइटिंगेल की जयंती के सम्मान में समर्पित है।
कार्यक्रम का भव्य शुभारंभ एसबीयू के महानिदेशक प्रो. गोपाल पाठक, कुलपति प्रो. सी. जगनाथन, कर्तव्यनिष्ठ रजिस्ट्रार प्रो. श्रीधर बी. दंडीन, संस्थान की प्राचार्या डॉ. सुबानी बाड़ा, कुशल प्रशासक आशुतोष द्विवेदी एवं कर्मठ उप-प्राचार्या मीनल श्वेता के कर-कमलों से दीप प्रज्वलन एवं फ्लोरेंस नाइटिंगेल को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर हुआ।
इस अवसर पर अपने सारगर्भित उद्बोधन में प्रो. गोपाल पाठक ने फ्लोरेंस नाइटिंगेल के प्रेरणादायक जीवन, उनके अथक संघर्षों और नर्सिंग के क्षेत्र में उनके अद्वितीय एवं अमूल्य योगदान पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। उन्होंने निस्वार्थ सेवा और त्याग की भावना से ओतप्रोत नर्सों से जुड़े अपने व्यक्तिगत अनुभवों को भी साझा किया। प्रो. पाठक ने नर्सिंग पेशे से जुड़े सभी सदस्यों से आग्रह किया कि वे न केवल दवाओं से बल्कि अपने मानवीय व्यवहार और करुणा से भी मरीजों की देखभाल करें।
अपने प्रेरक संबोधन में प्रो. सी. जगनाथन ने नर्सों को स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की अपरिहार्य रीढ़ की हड्डी के रूप में प्रतिष्ठित किया। उन्होंने सभी नर्सों से अपने कार्यक्षेत्र में मानवीय मूल्यों और सेवा भावना को सर्वोपरि रखने का आह्वान किया। उन्होंने नर्सों की सेवा भावना को एक ईश्वरीय गुण बताते हुए उनकी निष्ठा और समर्पण की सराहना की।
उपस्थित गणमान्य श्रोताओं को प्रो. श्रीधर बी. दंडीन, डॉ. सुबानी बाड़ा एवं आशुतोष द्विवेदी ने भी संक्षिप्त परंतु महत्वपूर्ण संदेशों से लाभान्वित किया।
एसबीयू के प्रतिकुलाधिपति बिजय कुमार दलान तथा राज्यसभा के सांसद डॉ. प्रदीप कुमार वर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय नर्सिंग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए नर्सिंग विभाग के सभी विद्यार्थियों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए अपनी शुभकामनाएं भेजीं।
यह कार्यक्रम नर्सिंग पेशे के महत्व और समाज के प्रति नर्सों के अटूट समर्पण को रेखांकित करने में अत्यंत सफल रहा।
