Spread the love

सभी पत्रकारों को श्रद्धांजलि………

Advertisements
Advertisements

कोरोना काल में लगातार काल के गाल में समाते जा रहे लेखनी के सम्राट पत्रकारों के लिए अब समाज को सोचने की आवश्यकता है…

      *कभी सुबह उठते ही आंख मलते हुए व्हाट्सएप खोला करते थे,*
    *और सुप्रभात के खूबसूरत संदेश एवं अपने छपे समाचारों की तारीफ सुनते हुए दिन की शुरुआत किया करते थे।*
    *आज वक्त ऐसा आ गया है कि व्हाट्सएप हो या अन्य साधनों पर मैसेज खोलने से डर सा लगने लगा है,*
     *कि आज किसकी बारी...*
  *संगठित हुए हम, और ईश्वर की परम कृपा से एक दूसरे से मिलते मिलाते चल रहे हैं*
   *जिसका परिणाम भी है कि गुजर रहे हुए साथियों और स्तंभों को श्रद्धांजलि मिल पा रही है, वरना कटु सत्य है कि पत्रकारिता के रनिंग वे में कौन किसे पूछा करता था???.*
       *संगठित होकर कभी सरकार तो कभी मीडिया हाउस से अपने सम्मान के लिए आवाज लगा रहे हैं*
        *लेकिन सोचना तो आज समाज को भी पड़ेगा कि आने वाले कल में उनके या उनके भावी पीढ़ी को समाज और सरकार का सच्चाई वाला आईना दिखाने वाला कौन होगा???*
       *समाज को आज ही सोचना होगा कि गर खोते गए कलम के बादशाहों को तो आने वाले समय में समाज को जगाने वाला कौन होगा???*
       *समाज को आज ही सोचना होगा कि यदि नहीं रहे कलम के वीर तो नित नये घटनाओं को बताने वाला कौन होगा???*
        *विदेशों की तो छोड़ें अपने देश और आसपास के हुनर को जगाने वाला कौन होगा???*
       *अपनी माटी पर गर्व कराने वाला कौन होगा???*
        *बिछड़ों को मिलाने वाला कौन होगा???*
        *और सबसे बड़ी बात सत्ता के पिपासुओं के लिए राजनीति को चमकाने वाला कौन होगा???*

*प्रवक्ता की कलम से सभी खो चुके साथियों के लिए अश्रुपूरित श्रद्धांजलि🙏🙏🙏*

(संजय मिश्रा,सरायकेला) 

Advertisements

You missed