Spread the love

वेरी पॉजिटिव: कोरोना के संभावित थर्ड वेब को लेकर तैयारी शुरू…

Advertisements

सरायकेला-खरसावां(संजय मिश्रा) – कहा गया है कि पहले की कमियों को खुद पहचान कर सुधार करते हुए आगे बढ़ने वाले का भविष्य स्वतरू उज्जवल बन जाता है। बीते एक साल के भीतर जिले से होकर गुजरी कोरोना की दो लहरों ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को संभावित तीसरी लहर के लिए पहले से ही अलर्ट किया हुआ है। और इसी के तहत जिले में पहली बार सरायकेला स्थित सदर अस्पताल में रिसर्च स्विंग एडजोरवेन्ड ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने की कवायद की जा रही है। जिसकी स्थापना को लेकर तकनीकी रूप से बृहस्पतिवार को सदर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने को लेकर स्थल चयन करते हुए मापी की गई। बताया गया है कि डीआरडीओ के माध्यम से उक्त ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना की जा रही है। जो कोरोना सहित ऑक्सीजन की आवश्यकता वाले मरीजों के लिए वरदान साबित होगा। जिले में पहली बार की जा रही उक्त कवायत को ऑक्सीजन को लेकर स्वास्थ्य सुरक्षा की दृष्टि में एक बड़ा सराहनीय कदम बताया जा रहा है।

ऐसे होगा लाभ:- ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड पर इसके माध्यम से मीटर सिस्टम द्वारा डायरेक्ट ऑक्सीजन की सप्लाई संभव हो सकेगी। मौके पर मौजूद कोविड-19 के डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस ऑफिसर डॉ जुझार माझी, प्रभारी सिविल सर्जन सह सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ बरियल मार्डी एवं डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम मैनेजर निर्मल दास ने बताया कि प्रस्तावित ऑक्सीजन प्लांट से 500 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन का उत्पादन होगा। जो प्लांट से मैनीफोल्ड तक पाइपलाइन के माध्यम से पहुंचाया जाएगा। जहाँ से पाइपलाइन के माध्यम से ऑक्सीजन की सप्लाई सदर अस्पताल स्थित ऑक्सीजन सपोर्टेड बेडों तक सीधे की जाएगी। इससे बेड पर मरीजों को मीटर के माध्यम से लगातार ऑक्सीजन की प्राप्ति हो सकेगी।

सिलेंडर सिस्टम की किच-किच मिलेगी मुक्ति:- ऑक्सीजन आपूर्ति को लेकर पूर्व में ऑक्सीजन सिलेंडर के माध्यम से किए जा रहे लंबे प्रक्रियाओं से निजात मिल सकेगा। जिसमें ऑक्सीजन के सिलेंडर उपलब्ध कराना, सिलेंडर खाली होने पर दूसरे ऑक्सीजन के सिलेंडर की व्यवस्था करना सहित ऑक्सीजन का सिलेंडर मरीज को लगाना जैसे लंबी प्रक्रिया से निजात मिल सकेगा। ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने के बाद पाइप लाइन के माध्यम से ऑक्सीजन सीधे ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड तक पहुंचेगा। जहां मीटर का उपयोग करते हुए मरीज को लगातार ऑक्सीजन की उपलब्धि हो सकेगी।

बेहतर कार्य के लिए पूर्व की घटनाओं से मिली है सीख:- जानकार सभी बताते हैं कि यह एक बहुत बड़ी पहल ऑक्सीजन संबंध स्वास्थ्य सुरक्षा की दृष्टि में की जा रही है। इससे पूर्व कोविड-19 संक्रमण और संकटकाल में कई ऐसी घटनाएं घट चुकी हैं, जहां ऑक्सीजन की अनुपलब्धता या फिर ऑक्सीजन उपलब्ध होने के बावजूद मरीजों को प्रदान करने तक की स्थिति में ऑक्सीजन के अभाव में मौत तक हो चुकी है। इस दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता को लेकर भी काफी हाय तौबा मचा हुआ देखा गया। जिसमें ऑक्सीजन सिलेंडर की संभावित कालाबाजारी पर नियंत्रण को लेकर जिला प्रशासन को भी लगातार मशक्कत करती रहनी पड़ी थी।

Advertisements

You missed