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सरायकेला – एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के प्रदेश स्तरीय आह्वान पर आगामी 16 अप्रैल को प्रदेश सहित जिले के पारा शिक्षक रांची स्थित मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे। मोर्चा के जिलाध्यक्ष सोनू सरदार ने इस संबंध में एक प्रेस बयान जारी करते हुए कहा है कि वर्तमान की हेमंत सरकार स्थायीकरण और वेतनमान के मुद्दे पर लगातार पारा शिक्षकों के साथ वादाखिलाफी कर रही है। हेमंत सरकार से पारा शिक्षकों को काफी उम्मीदें थी। परंतु विगत एक दिवसीय विधानसभा घेराव आंदोलन के दौरान आकस्मिक अवकाश लेने के बाद भी पारा शिक्षकों का 1 दिन का मानदेय काट दिया जाना हेमंत सरकार में भी पूर्ववर्ती सरकारों की नीति और दगाबाजी देखी जा रही है। जिससे पारा शिक्षकों में भारी आक्रोश है। चुनाव के दौरान घोषणा पत्र सहित सभी चुनावी सभाओं में सरकार गठन के 3 महीने के भीतर पारा शिक्षकों के स्थायीकरण और वेतनमान दिए जाने की बात कहीं गई थी। परंतु डेढ़ साल बीत जाने पर भी पारा शिक्षक ठगे हुए अपने कर्तव्य क्षेत्र में हैं। नियमावली तैयार करने के लिए सरकार लगातार कोरोना महामारी और शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की अस्वस्थता का बहाना बनाती रही है। जबकि स्वयं मुख्यमंत्री के पास शिक्षा मंत्रालय होने के बावजूद भी नियमावली में अड़चन की स्थिति भी सरकार द्वारा स्पष्ट नहीं किया जा रहा है। इधर नियमावली पर मौन साधते हुए सभी विभागों का काम अनवरत जारी है। आकस्मिक अवकाश लेने के संवैधानिक अधिकार को भी कुचलते हुए परियोजना निदेशक द्वारा पारा शिक्षकों का 1 दिन का मानदेय काटे जाने की तुगलकी कार्रवाई की गई है। मोर्चा जिसकी कड़ी शब्दों में निंदा करता है। इससे देखा जा रहा है कि अफसरशाही पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। उन्होंने बहानेबाजी छोड़कर सरकार से जल्द से जल्द अपना वादा पूरा करते हुए पारा शिक्षकों को स्थाई करने और 1 दिन के काटे गए मानदेय का अविलंब भुगतान करने की मांग की है। अन्यथा की स्थिति में आगामी 16 अप्रैल को राज्य के तमाम पारा शिक्षक मुख्यमंत्री आवास घेराव कार्यक्रम में शामिल होकर रांची में तेज और ऐतिहासिक प्रदर्शन करने की बात उन्होंने कही है।

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