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साहिबगंज
रण बिजय गुप्ता(संथाल ब्यूरो)

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जिला मुख्यालय समाहरणालय स्थित सभागार में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की टीम के केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड के सदस्य सचिव के नेतृत्व में जिला खनन टास्क फोर्स की बैठक आयोजित किया गया।
उक्त बैठक में खनन गतिविधियों की जानकारी एवं अवैध खनन पर हुई कार्यवाई की समीझा की गई।

बैठक के दौरान एनजीटी की 6 सदस्यीय टीम द्वारा जिला में माइनिंग गतिविधियों से संबंधित विस्तृत जानकारी ली । जहां प्रजेंटेशन के माध्यम से उपायुक्त रामनिवास यादव ने पूरी टीम को जिला में संचालित माइनिंग गतिविधियों से अवगत कराया। जिसमे ज़िले में कुल 4.76 स्क्वायर किलोमीटर माइनिंग एरिया कवरेज है। ज़िला में कुल 142 लीज स्टोन माइनिंग है। 03 लीज कोलोनाइसड सैंड स्टोन हैं।साथ ही 01 वर्ष में 11 जिला खनन टास्क फ़ोर्स की बैठक आयोजित की गई है।जिसमें संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देने के साथ-साथ क्रशर प्लांट पर विशेष निगरानी के साथ साथ समय-समय पर उचित कार्यवाई करने की जानकारी दी गई। बताया गया कि जिला में स्टोन स्टोरेज के लिए कुल 238 लाइसेंस दिए गए हैं।
इस संबंध में एनजीटी की टीम द्वारा प्रखंड वार एलोकेट किए गए स्टोरेज की जानकारी ली। एनजीटी की टीम को वैसे क्रेशर प्लांट जिनके पास वैलिड माइनिंग लाइसेंस नहीं रहने पर उन प्लांटों पर प्रशासन द्वारा कार्यवाई करते हुए विद्युत आपूर्ति रोक देने की जानकारी दी गयी।
ऐसे कुल 69 क्रेशर प्लांट को चिन्हित कर वहां विद्युत आपूर्ति रोकी गई।
बैठक के दौरान बताया गया कि जिला प्रशासन द्वारा स्टेट हाईवे या नेशनल हाईवे से संकलित निर्धारित दूरी का अनुपालन ना कर रहे 23 क्रशर प्लांट उनके लोकेशन से हटाया गया है या ध्वस्त किया गया है।अवैध खनन पर कड़ी कार्यवाही करते हुए 136 एफ आई आर दर्ज किया गया है ।जबकि 13 उपकरण ज़ब्त किए गए।
साथ ही 53 अवैध खनन में लिप्त लोगों को भी गिरफ्तार किया गया।
इसके अलावे 161 क्रशर को ध्वस्त किया गया, 44 क्रशर को सील किया गया, माइनिंग गतिविधियों में लिप्त कुल 566 वाहन एवं नाव को ज़ब्त किया गया। वहीं 806 वहनों को ब्लैकलिस्टेड भी किया गया है ।

*■ एनजीटी की टीम द्वारा दिए गए अहम दिशा निर्देश

माइनिंग गतिविधियों एवं अवैध खनन गतिविधियों की समीक्षा करते हुए एनजीटी की टीम द्वारा सभी क्रशर प्लांट पर सीसीटीवी कैमरा स्थापित करने का निर्देश दिया गया। सभी क्रशर प्लांट पर आधुनिक उपकरण लगाने का भी निर्देश दिया गया।
इस दौरान सभी क्रशर प्लांट में स्प्रिंकलर सिस्टम लगाकर समय-समय पर पानी का छिड़काव करते रहने, गॉर्ड वाल बनाकर विस्फोट एवं धूल को आबादी वाले इलाके में जाने से रोकने का निर्देश दिया गया।
समय-समय पर टास्क फोर्स द्वारा खनन गतिविधियों के लिए प्रयुक्त वाहनों का निरीक्षण करने एवं खनन गतिविधियों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया। जबकि फाइन काटने गाड़ियों का निरीक्षण कर यह सुनिश्चित कराने की धुलाई के लिए प्रयुक्त वाहन त्रिपाल ढंक कर चल रहा है कि नहीं आदि सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया।
इस दौरान एनजीटी की टीम एवं अधिकारियों के बीच विचार-विमर्श किया गया कि किस प्रकार खनन गतिविधियों से वातावरण पर प्रतिकूल प्रभाव ना पड़े।

आपको बताते चले कि छह सदस्यीय टीम अपने दौरे के पहले दिन क्षेत्र भ्रमण कर स्टोन क्रशर व चाइना क्ले प्लांट का निरीक्षण कर स्थिति का जायजा ले चुकी है।

इस मौके पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव प्रशांत गर्गव के अलावा आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर डॉ मुकेश शर्मा, आईआईटी दिल्ली के डॉ सागनिक डे, चंडीगढ़ के एडी डॉ नरेंद्र शर्मा, एनजीटी के कोलकाता रिजनल ऑफिस के डॉ जीपी सिंह , झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य यतींद्र कुमार दास,पुलिस अधीक्षक अनुरंजन किस्पोट्टा, वन प्रमंडल पदाधिकारी मनीष तिवारी, उप विकास आयुक्त प्रभात कुमार बरदियार, सदर एसडीओ मिथिलेश कुमार झा, राजमहल एसडीपीओ रोशन कुमार साह, डीएमओ बिभूति कुमार सहित सभी अंचल अधिकारी एवं अन्य मौजूद थे।

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