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भगवान शिव की आराधना के साथ परंपरागत चैत्र पर्व का हुआ आगाज….

बतौर यजमान अनुमंडलाधिकारी ने अष्ट भैरव की आराधना कर

क्षेत्र के सुख, शांति एवं समृद्धि की मंगल कामना की…..

सरायकेला। मर्जर एग्रीमेंट के तहत सरकार द्वारा तत्कालीन सरायकेला स्टेट के सभी स्थानीय धार्मिक परंपराओं का निर्वहन किया जाता है। इसी क्रम में राज्य सरकार और जिला प्रशासन के तत्वाधान आयोजित होने वाले परंपरागत चैत्र पर्व का रविवार को भगवान शिव की आराधना के साथ शुभारंभ किया गया।

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इस अवसर पर भैरव साल में राजकीय छऊ नृत्य कला केंद्र सरायकेला के पदेन सचिव सरायकेला अनुमंडलाधिकारी राम कृष्ण कुमार ने बतौर यजमान भगवान भोलेनाथ सहित अष्ट भैरव की आराधना की। राजकीय छऊ नृत्य कला केंद्र के निदेशक गुरु तपन कुमार पटनायक, सरायकेला नगर पंचायत उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी एवं केंद्र के अन्य कलाकारों के साथ अष्ट भैरव की आराधना करते हुए उन्होंने क्षेत्र के सुख, शांति एवं समृद्धि की मंगल कामना की। तथा कोरोना से मुक्ति के लिए सामूहिक प्रार्थना की गई। मौके पर पुजारी पंडित सुबोध रथ द्वारा विधिवत मंत्रोच्चार के साथ पूजा संपन्न कराया गया।

जिसके बाद सरायकेला अनुमंडलाधिकारी राम कृष्ण कुमार, केंद्र के निदेशक गुरु तपन कुमार पटनायक, पद्मश्री पंडित गोपाल दुबे नगर पंचायत उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी, केंद्र के सेवानिवृत्त वरिया अनुदेशक विजय कुमार साहू, कलाकार मनोरंजन साहू, भोला महंती, सुमित महापात्र, दसरा महतो, पाट भोक्ता अनुर्ध्वज पड़िहारी एवं पाट भोक्ता राजकुमार पड़िहारी ने परंपरा अनुसार ढाल और तलवार हाथों में धारण कर भैरव स्थान पर फरिखंडा सामरिक छऊ नृत्य का प्रदर्शन किया।

मौके पर केंद्र के निदेशक गुरु तपन कुमार पटनायक ने बताया कि परंपरागत चैत्र पर्व का शुभारंभ शिव और शक्ति की आराधना के साथ की जाती है। जिसके तहत शक्ति की आराधना स्वरूप आगामी 9 अप्रैल को झुमकेश्वरी स्थल में मां झुमकेश्वरी की आराधना की जाएगी।

इसके साथ ही सोमवार से चड़क पूजा का शुभारंभ हो जाएगा। जिसे परंपरा अनुसार 13 जाति के 13 भोक्ता द्वारा घट पाट परंपरा का निर्वहन किया जाएगा। इसके तहत सोमवार को शुभ घट का आगमन होगा। और 5 से 9 अप्रैल तक पाट भोक्ताओं द्वारा डोंडा जात्रा का आयोजन किया जाएगा। 10 अप्रैल को जात्रा घट, 11 अप्रैल को वृंदावनी घट, 12 अप्रैल को गौरैयाभार घट और 13 अप्रैल की मध्य रात्रि को कालिका घाट के आगमन के साथ चैत्र पर्व का समापन किया जाएगा।

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