दो पुलिसकर्मियों को बंधक बनाकर की गई मारपीट
शिकारीपाड़ा/दुमका:--शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के पत्थर औद्योगिक क्षेत्र में पीनर गढ़िया पेट्रोल पंप के पास आज सुबह जिला परिवहन पदाधिकारी दुमका शैलेंद्र रजक तथा अंचलाधिकारी शिकारीपाड़ा राजू कमल के साथ गए सुरक्षाबलों के ऊपर ग्रामीणों ने हमला बोल दिया।
बताते चलें कि डीटीओ और सीओ का काफिला क्षेत्र में चल रहे अवैध परिवहन पर रोक लगाने के लिए निकला हुआ था और पिनारगरिया जोड़ा पेट्रोल पंप के समीप डीटीओ ने बोल्डर और पत्थर चिप्स लदे वाहनों को जांच के लिए रोका । इतने में कुछ असामाजिक तत्वों ने ग्रामीणों के सहयोग से काफिले पर हमला बोल दिया । हालांकि डीटीओ और सीओ को कोई चोट तो नहीं आई परंतु काफिले में शामिल दो पुलिसकर्मियों को असामाजिक तत्वों ने बंधक बना लिया और उसके साथ मारपीट की। बाद में शिकारीपाड़ा थाने की पुलिस ने पुलिसकर्मियों को छुड़ाया और इलाज के लिए अस्पताल भेजा ।मामले की पुष्टि पुलिस अधीक्षक अंबर लकड़ा ने भी की है । घटना की सूचना मिलते ही एसडीपीओ दुमका नूर मुस्तफा अंसारी तथा एसडीएम महेश्वर महतो शिकारीपाड़ा थाना पहुंचे और पुनः पुलिस दलबल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे । घटनास्थल पर पहुंचकर एसडीएम दुमका तथा एसडीपीओ दुमका ने जांच पड़ताल की और घटनास्थल का मुआयना किया। तथा कुछ एक ग्रामीणों से पूछताछ की। एसडीएम महेश्वर महतो ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मामला गंभीर है और पुलिस अनुसंधान जारी है, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
हालांकि घटना के अवलोकन से ऐसा प्रतीत होता है कि असामाजिक तत्वों में पुलिस प्रशासन का कोई खौफ नहीं रह गया है । बताते चलें कि इसके पूर्व भी शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र में ही जांच टीम को बंधक बनाने और मारपीट का मामला सामने आ चुका है । पिछले वर्ष क्षेत्र के चित्रगढ़िया स्थित एक अवैध पत्थर खदान की जांच पर पहुंचे तत्कालीन सी ओ शिकारीपाड़ा की टीम पर भी असामाजिक तत्वों ने हमला किया था एवं बंधक बनाने की कोशिश की थी। इस मामले में शिकारीपाड़ा थाने में एफ आई आर भी दर्ज किया गया था परंतु आज तक किसी भी नामजद या अज्ञात लोगों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसी तरह थाना क्षेत्र के पांचवाहनी गांव में कोयले के अवैध खदान को डोजरिंग करने पहुंचे जिला खनन पदाधिकारी की जांच टीम पर भी लोगों ने हमला कर बंधक बना लिया था जिसे बाद में क्षेत्र के एक कद्दावर नेता के हस्तक्षेप से छुड़ाया गया ।पूर्व के मामलों में आरोपितों पर कोई कार्रवाई नहीं होने तथा पुलिस दबिश नहीं होने के कारण ऐसे असामाजिक तत्वों का मनोबल बढ़ता ही जा रहा है जिसकी परिणति आज पीनरगड़िया में हुई घटना के रूप में सामने आया। यदि अब भी प्रशासन नहीं चेतता है तो भविष्य में इससे भयावह घटना की पुनरावृति से इनकार नहीं किया जा सकता।