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सरायकेला-खरसावां (संजय मिश्रा) महाप्रभु श्री जगन्नाथ की रथ यात्रा को लेकर सरायकेला जगन्नाथमय बना हुआ है। हर जगन्नाथ भक्त अपनी तरह से महाप्रभु की रथ यात्रा की तैयारी में लगा दिख रहा है। वहीं कोविड-19 के प्रभाव और सरकार की गाइडलाइन को देखते हुए पारंपरिक रथयात्रा के आयोजन पर संशय की स्थिति बनी हुई है। सोमवार को निकलने वाली रथ यात्रा को लेकर आयोजक समिति श्री जगन्नाथ सेवा समिति को अंतिम समय तक प्रशासन की हरी झंडी मिलने का इंतजार बताया जा रहा है। अन्यथा की स्थिति में रथ यात्रा को धार्मिक अनुष्ठान तक सीमित रखने के भी तैयारी की जा रही है। हालांकि रथ यात्रा को लेकर महाप्रभु का रथ लगभग पूरी तरह से तैयार कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि कोविड-19 महामारी को देखते हुए सरकार के गाइडलाइन के अनुसार यदि प्रशासन द्वारा पारंपरिक रथ यात्रा आयोजन की अनुमति नहीं दी जाती है तो महाप्रभु श्री जगन्नाथ के अपनी बहन सुभद्रा और बड़े भाई अग्रज बलभद्र के साथ श्री मंदिर से प्रस्थान के पश्चात रथ के समीप ही नीचे परंपरा अनुसार पूजा अर्चना की जाएगी। इसके अलावा श्री मंदिर प्रांगण में ही अलग से अस्थाई रूप से मौसी बाड़ी का निर्माण भी किया जा रहा है। जहां महाप्रभु के श्री मंदिर से प्रस्थान के बाद मौसी बाड़ी आगमन होगा। और वही विधि विधान के साथ पूजा अर्चना संपन्न कराया जाएगा।

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मार्ग में ही होगा मां विपदातारिणी पूजन:- उत्कलीय पंचांग एवं जगन्नाथ पांजी के अनुसार मंगलवार 13 जुलाई को मां विपदातारिणी पूजा का आयोजन किया जाएगा। बताया जा रहा है कि यह संभवत: पहला अवसर होगा जब रथ यात्रा के मार्ग में ही मां विपदातारिणी व्रत का आयोजन होगा। इस अवसर पर सुहागिन महिलाएं उपवास व्रत रखते हुए माता सुभद्रा की मां विपदातारिणी के रूप में पूजा अर्चना करते हुए अपने सुहाग, संतान एवं परिवार के विपत्तियों से मुक्ति सहित सुख शांति और समृद्धि के लिए मंगल प्रार्थना करेंगी।

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