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सरायकेला-खरसावां (संजय कुमार) कोरोना की दूसरी लहर लगातार छठवें महीने भी अपने अस्तित्व में बनी हुई है। और इसके संक्रमण के इक्के दुक्के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। बावजूद इसके कोरोना से सुरक्षा को लेकर लापरवाही चरम पर पहुंची हुई है। और लापरवाही भी ऐसी की सुरक्षा करने वालों के ठीक नाक के नीचे ही कोविड-19 गाइडलाइन का सरासर उल्लंघन करते हुए मेले का आयोजन किया जा रहा है।


मामला सरायकेला में आयोजित होने वाले प्रसिद्ध श्री जगन्नाथ रथ यात्रा मेले से संबंधित है। जहां श्री जगन्नाथ मेला समिति द्वारा कोविड-19 के असर को देखते हुए और गाइडलाइन का पालन करते हुए बीते वर्ष की भांति इस वर्ष भी मेला के आयोजन को प्रतिबंधित रखा गया था।

वही सरायकेला थाने से सट कर धड़ल्ले से मेला का आयोजन किया जा रहा है। जहां मौसी बाड़ी में महाप्रभु के दर्शन करने पहुंचे भक्त और दर्शकों की भी भीड़ लगातार लग रही है। जानकार बताते हैं कि कोरोना काल में क्षेत्र की सुरक्षा की दृष्टि से इसे किसी भी तरह से सही नहीं ठहराया जा सकता है। महाप्रभु पर आस्था सभी के लिए सर्वोपरि है। परंतु परंपरागत रथ यात्रा को लेकर कोरोना का काल में मेले का आयोजन सही नहीं है। वह भी सरायकेला थाने से सट कर आयोजित किए जा रहे तथाकथित मेले पर क्षेत्र के बुद्धिजीवियों एवं जानकारों द्वारा सवाल भी उठाए जा रहे हैं।

मामले पर पुलिस अधीक्षक आनंद प्रकाश से जानकारी लेने पर उन्होंने कहा कि ऐसे किसी मामले की जानकारी नहीं है। सूचना मिलने के साथ ही मामले का पता लगाया जा रहा है। कोरोना काल में मेला का आयोजन कोविड-19 गाइडलाइन का सरासर उल्लंघन है। साथ ही 50 से अधिक लोगों का जमावड़ा भी प्रतिबंधित है। ऐसी स्थिति में जांच के दौरान दोषी पाए जाने वालों पर नियमानुसार विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

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