जिले की युवा संस्था ने कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन की मदद से जिले में शुरू की बाल विवाह के खिलाफ मुहिम . . .
सरायकेला संजय
हम ना तो अपने बच्चों का विवाह बचपन में करेंगे और ना ही औरों को ऐसा करने देंगे। बाल विवाह बचपन के खिलाफ एक अपराध है जिसे और नहीं पनपने दिया जाएगा। इस शपथ के साथ शनिवार को झारखण्ड के सरायकेला-खरसावां जिले में युवा संस्था ने कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन की मदद से बाल विवाह के खिलाफ एक मुहीम की शुरुआत की। इसे लेकर आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में सरायकेला-खरसावा के पांच प्रखंड कुचाई, सरायकेला, राजनगर, नीमडीह और चांडिल से लगभग 2500 लोगों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। सभी ने मिल कर प्रण लिया कि वे किसी भी ऐसे समारोह में सम्मिलित नहीं होंगे जिसमें बाल विवाह हो रहा हो एवं इसकी जानकारी उचित अधिकारियो तक पहुचायेंगे।
मौके पर मौजूद युवा संस्था के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर प्रशांत शेखर और युवा के अन्य कार्यकर्ता बबिता, सुखदेव, सुकरंजन, दीनबंधु एवं मुकेश ने इस प्रथा पर रोक लगाए जाने हेतु समाज के साथ इसके दुष्परिणामों के बारे में बहुत बारीकी से समझाया। उन्होंने बताया कि बाल विवाह की जानकारी मिलने पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति, स्थानीय पुलिस, आपातकालीन पुलिस सेवा 112 एवं चाइल्डलाइन 1098 को सूचना तुरंत दें। उन्होंने ये भी बताया कि बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के अनुसार बाल विवाह गैर कानूनी है।
जिसमें बाल विवाह करवाने वाले व शामिल होने वाले सभी लोगो को दो साल की सजा या एक लाख रुपया जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। बताया गया कि यह जुर्म गैर जमानती है।