उदयनिधि स्टालिन के बयान पर भड़के भाजपा नेता मनोज कुमार चौधरी; कहे…
अन्य मामलों की तरह सुप्रीम कोर्ट स्वत: संज्ञान लेकर उदयनिधि पर करे कारवाई।
सरायकेला:संजय मिश्रा
सरायकेला। भारतीय जनता पार्टी सरायकेला विधानसभा सभा के संयोजक सह पूर्व सरायकेला नगर पंचायत उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी ने कहा कि अन्य मामलों की तरह उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म के प्रति आपत्तिजनक बयान पर सुप्रीम कोर्ट को स्वत: संज्ञान लेना चाहिए। उदयनिधि स्टालिन की ओर से दिए गए नफरत भरे भाषण को स्वत: संज्ञान लिया जाए, जो सांप्रदायिक वैमनस्य और सांप्रदायिक हिंसा को भड़का सकता है।
उन्होंने कहा है कि एक तरफ आतंकी संगठन आईएसआईएस हिंदुओं को जलाने और मूर्तियों को तोड़ने का आदेश दे रहा है। वहीं उदयनिधि स्टालिन जैसे लोग भी इसी काम को बढ़ावा दे रहे हैं। ये लोग केवल बोल नहीं रहे बल्कि अपनी पूरी ताकत भी लगा रहे हैं।
सर्वोच्च अदालत सहित भारत की सभी संवैधानिक संस्थाएं विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका, पत्रकारिता इनके लक्ष्यों और कृत्यों की अनदेखी कर रही हैं। मनोज कुमार चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट से सवाल किया है कि क्या वे इसी को न्याय समझते हैं कि हिंदुओं को कुचला जाता रहे और इस्लामिक जिहादियों के हाथों उन्हें मरवा दिया जाए। उन्होंने अनुरोध किया कि इसे अदालत की अवमानवना ना समझा जाए।
भारत एक धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक देश है। धर्म के आधार पर देश का विभाजन हुआ उसके बाबजूद भारत में हर धर्म का सम्मान है उन्होंने ये भी कहा कि हर धर्म का आदर करना चाहिए।
तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के बयान से हम जैसे सनातन धर्म में आस्था रखने वाले लोगों को चोट लगी है। ऐसे कथन बर्दाश्त से बाहर है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के शाहीन अब्दुल्ला बनाम भारत सरकार के केस का जिक्र करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ही देश में बढ़ते हेट स्पीच के मामलों को लेकर नाराजगी जताई थी। और सरकार व पुलिस प्रशासन से बिना औपचारिक शिकायतों का इंतजार किए स्वतः संज्ञान लेने का आदेश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर इन मामलों में देरी की गई तो स्थिति गंभीर भी हो सकती है। श्री चौधरी ने कहा की हम सनातन धर्म के महत्ता से अच्छी तरह परिचित हैं। हमारे देश का संविधान अपने इच्छा से पूजा करने और ईश्वर को मानने की स्वतंत्रता देता है। हम लोग उदयनिधि के बयान से बेहद नाराज़ हैं।
इस तरह का बयान भारत की एक बड़ी आबादी को चोट पहुंचाने वाला है और संविधान के मूल सिद्धांत को भी ठेस पहुंचाता है। तमिलनाडु की सरकार ने स्टालिन के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से इनकार कर दिया और उनके बयान का ही समर्थन करने लगी है। जो भारत के संविधान के विपरीत है अथवा मंत्री पद की शपथ का उल्लंघन है।
उदयनिधि के इस बयान पर बरपा है हंगामा:-
दरअसल, तमिलनाडु की द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) सरकार में युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि स्टालिन के सनातम धर्म को लेकर दिए गए बयान पर बवाल मचा हुआ है। शनिवार को तमिल में एक बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना महामारी से करते हुए इसे खत्म कर देने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि ऐसी कुछ चीज़ें होती हैं जिनका विरोध करना काफ़ी नहीं होता, हमें उन्हें समूल मिटाना होगा।