विस्थापित अपने अधिकार को लेकर निकल पड़े विशाल पदयात्रा के साथ रांची राजभवन…
कहा कि 109 दिनों की अनिश्चित धरना प्रर्दशन पर भी सरकार ने अपना विचार नहीं बदली, हमारी 10 सूत्री मांगो पर सरकार को विचार होगा…
चांडिल: (जगबंघु महतो) अखिल झारखंड विस्थापित अधिकार मंच के बैनर तले राकेश रंजन के नेतृत्व में 1 अक्टूबर रविवार से चांडिल डैम के विस्थापितों ने अपना अधिकार के लिए 10 सूत्री मांगों को लेकर धरना स्थल चांडिल से राजभवन रांची तक का सैकड़ो विस्थापितों के साथ विशाल पदयात्रा रवाना हुई। पदयात्रा में शामिल विस्थापितों का पहला पड़ाव रात्रि विश्राम नागासेरेंग हाई स्कूल में की गई है। वही मंच के अध्यक्ष राकेश रंजन महतो का कहना है कि आज आंधी, बरसात आदि की विषम परिस्थितियों में भी वृद्ध, महिला, पुरुष, युवा अपने अधिकारों की लड़ाई में सभी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं, यह समझा जा सकता है कि विस्थापितों का दर्द इस प्रकार बयां हो रही है कि भले मौत क्यों ना आ जाए, अपना हक व अधिकार पाने के लिए घबराने वाले नहीं है।
आज सरकार और सरकारी पदाधिकारी हमें बेघर कर चेन की नींद सो रही है। और हम सभी पीछले 40 वर्षो से अधिक से अपना हक पाने के लिए जूझ रहे हैं। हमारी पदयात्रा की अगली पड़ाव 2 अक्टूबर को रात्रि विश्राम रामपुर नामकुम में एवं 3 अक्टूबर को अंतिम पड़ाव नामकुम से राजभवन रांची को पदयात्रा होगी।
वहीं बताया कि 3 अक्टूबर की कार्यक्रमों में 84 मौजा के 116 गांवों के चांडिल डैम विस्थापितों अपने अधिकारों के लिए 10सूत्री मांग पत्र के साथ एक दिवसीय सत्याग्रह धरना-प्रदर्शन जाकिर हुसैन पार्क रांची में करेंगे। मंच के अध्यक्ष राकेश रंजन महतो ने कहा कि प्रत्येक विकास पुस्तिका में विस्तापित परिवार को सरकारी नौकरी दिया जाए अथवा प्रत्येक विस्थापित परिवार के लिए 60 लाख रुपये मुआवजा देने के आदेश के तर्ज पर चाण्डिल डैम विस्थापितों को आज के महंगाई अनुसार मुआवजा दिया जाए। कहा कि प्रावधानों के अनुसार प्रत्येक विस्थापित परिवार को 25 डिसमिल जमीन दिया जाना था, जो अब तक किसी को नहीं मिला, जिसे जल्द पूरा किया जाए । हमारी मांगों में यह भी शामिल है कि 18 वर्ष पूरा होने वाले सभी विस्थापितों के नाम विकास पुस्तिका निर्गत किया जाए।
वहीं राकेश रंजन ने कहा कि हमारी मांगों में विस्थापित एवं सरकार के बीच सांमजस्य स्थापित हेतु समन्वय समिति परियोजना का गठन किया जाए एवं उस समिति में अखिल झारखंड विस्थापित अधिकार मंच को भी रखा जाए।
मौके पर मुख्य रूप से राजीव महतो, अरुण धीवर, विवेक सिंह बाबू, गीता रानी महतो, मंजू गोराई, लक्ष्मी महतो, प्रथमी महतो, मोनिका महतो, सीमंत कुमार महतो, काशीनाथ महतो, सागर महतो, सीताराम महतो, रामकृष्ण महतो, त्रिलोचन महतो, इंद्रजीत महतो, राजेश महतो, मलखान महतो, सुधांशु महतो, तापस महतो, हाराधन महतो आदि का प्रमुख भूमिका रहा।