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नव भारत साक्षरता कार्यक्रम एनएलआईपी के तहत साक्षर बनेंगे जिले के 15 वर्ष से अधिक उम्र के निरक्षर लोग; जारी है सर्वे कार्य…

सरायकेला:संजय मिश्रा

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सरायकेला: सरायकेला-खरसावां जिले के नौ प्रखंड स्थित 132 पंचायतों के 1148 गांव में वर्ष 2023 में कुल अनुमानित जनसंख्या 12,94,682 है। जिसमें पुरुषों की अनुमानित जनसंख्या 6,61,786, महिलाओं की अनुमानित जनसंख्या 6,32,896 है। जिले की साक्षरता दर 67.70% है, जिसमें पुरुषों की साक्षरता दर 79.03% व महिलाओं की साक्षरता दर 55.88% है। जिलें में कुल साक्षर 612,993 हैं, जिसमें पुरुष 365,332 व महिला 247661 हैं। जिले की साक्षरता दर को और बढ़ाने के लिए जिले में 29 हजार निरक्षरों को साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

नव भारत साक्षरता कार्यक्रम एनएलआईपी के तहत 15 वर्ष से अधिक उम्र के निरक्षरों को चिन्हित करने के लिए सर्वे का कार्य शुरू कर दिया गया है। निरक्षरों की पहचान करने के लिए इंटर पास वोलेंटियर व सेवानिवृत शिक्षकों को सरायकेला प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी रबिकांत भकत द्वारा प्रशिक्षित किया जा रहा है।

आनलाइन किया जाएगा शिक्षित:-
जिले के निरक्षरों को चिन्हित करने के बाद इन निरक्षरों की आनलाइन कक्षाओं से जोड़ा जाएगा। 20-25 निरक्षरों को आनलाइन के माध्यम से चिन्हित किए गए निरक्षरों को शिक्षित किया जाएगा। जिसके पश्चात प्रत्येक छह माह में स्थानीय स्कूल परिसर में इन निरक्षरों की परीक्षा ली जाएगी। कक्षा एक व कक्षा दो के लेवल पर परीक्षा में प्रश्न पूछे जाएगे।

नेशनल इंस्टीच्यूट आफ ओपन स्कूलिंग की ओर से यह परीक्षाएं ली जाएंगी। परीक्षा में पास होने वाले परीक्षार्थियों को जिला शिक्षा विभाग की ओर से प्रमाण पत्र दिया जाएगा। जो उस परीक्षार्थी को साक्षर साबित करेगा।

एक निरक्षर को चिन्हित करने पर मिलेंगे 15 रुपये:-
जिले में एक निरक्षर को चिन्हित करने पर वोलेंटियर को 15 रुपये मिलेंगे यही इनका मानदेय होगा। निरक्षरों को चिन्हित करने का अभियान वर्ष 2027 तक जिले में जारी रहेगा।

यहां थी समस्या:-
जिले में कई ऐसे महिला पुरुष हैं जिन्होंने दो से पांच कक्षा तक की पढ़ाई कर फिर किसी ने किसी कारण से उनकी पढ़ाई छूट गई। उनके पास कोई सार्टीफिकेट नहीं होने के कारण उन्हें निरक्षर की श्रेणी में रखा जाने लगा। अब जिले में वैसे निरक्षरों व जिन्हें बिल्कुल पढ़ना लिखना नहीं आता है पहचान कर शिक्षा विभाग उनकी परीक्षा लेने के बाद उन्हें सार्टिफिकेट उपलब्ध कराएंगे।

जो निरक्षर आगे पढ़ाई जारी रखने में दिलचस्पी दिखाएंगे उन्हें प्राइमरी के बाद कक्षा आठवीं फिर मैट्रिक तक की भी परीक्षा दिलवाई जाएगी। जिला शिक्षा अधीक्षक की देखरेख में यह अभियान चलेगा। प्रत्येक प्रखंड में एक टीम का गठन कर निरक्षरों को साक्षर बनाने की दिशा में कार्य किया जाएगा।

चार्ल्स हेम्ब्रम, जिला शिक्षा अधीक्षक, सरायकेला-खरसावां ने बताया कि
जिले के निरक्षरों की पहचान कर उन्हें साक्षर बनाया जाएगा। इस दिशा में निरक्षरों को चिन्हित करने के लिए सर्वे का कार्य शुरू कर दिया गया। इन निरक्षरों की प्रत्येक छह माह में परीक्षा होगी, जिसमें उतीर्ण होने के बाद उन्हेें सार्टिफिकेट उपलब्ध कराए जाएंगे।

 

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