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आम आदमी पार्टी ने समारोहपूर्वक मनाया पूर्व सांसद सुनील महतो की 58वां जयंती…

सरायकेला संजय मिश्रा:

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सरायकेला। आम आदमी पार्टी के सक्रिय कार्यकर्त्ता मोहन सिंह मुंडा के नेतृत्व में सेरेंगदा गांव में पूर्व सांसद वीर शहीद सुनील महतो की 58वीं जयंती मनाई गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आप नेता बिरसा सोय एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में रामकृष्ण मुंडारी उर्फ टेने व आप नेता जोगेन सोय शामिल हुए। आप नेता बिरसा सोय ने कहा कि पूर्व सांसद वीर शहीद सुनील महतो को वे व्यक्तिगत रूप से जानते थे और उन्हें उनके काफी करीब रह कर राजनीतिक ज्ञान हासिल करने का अवसर प्राप्त हुआ था।

श्री सोय ने कहा की वीर शहिद सुनील महत का जन्म सरायकेला-खरसांवां जिले के छोटा गम्हरिया गांव में 11 जनवरी 1966 को एक गरीब किसान परिवार में हुआ था। उनका विवाह 1 दिसंबर 1990 में श्रीमती सुमन महतो के साथ हुई। सुनील महतो ने प्रारंभिक शिक्षा गांव के स्कूल से और बीकॉम तक की पढ़ाई कॉ-ऑपरेटिव कॉलेज जमशेदपुर से पूरा किया। श्री सोय ने कहा कि सुनील महतो ने राजनीतिक जीवन की शुरुआत आजसू पार्टी से की थी। वर्ष 2004 में जमशेदपुर लोकसभा सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के टिकट पर चुनाव लड़े और भाजपा सांसद आभा महतो को एक लाख से ज्यादा मतों से हराकर विजयी हुए थे।

लोकप्रियता और नेतृत्व क्षमता के कारण सुनील महतो पार्टी में लगातार आगे बढ़ते गए। कोल्हान प्रमंडल में झामुमो की रणनीति तय करने में सुनील महतो का महत्वपूर्ण भूमिका थी। उनकी पहचान लोकप्रिय और हमेशा क्षेत्र की जनता के लिए सुलभ रहने वाले सांसद के रूप में थी। उन्होंने कहा कि सुनील महतो की हत्या उस समय हुई, जब होली के मौक़े पर घाटशिला के किशनपुर गाँव में एक फ़ुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन किया गया था। सुनील महतो को इस प्रतियोगिता में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था।

आप नेता राम कृष्ण मुंडारी उर्फ टेने ने कहा कि वीर शहीद सुनील कुमार महतो झारखंड आंदोलनकारी नेता थे। झारखण्ड अलग राज्य की आन्दोलन में उनका महत्वपूर्ण भूमिका रहा है। उन्होने कहा कि उनका कुर्बानी बेकार नहीं जाएगी। आप नेता जोगेन सोय ने कहा कि वीर शहीद सुनील कुमार महतो ने सभी समाज को एक सूत्र में बांधकर झारखंड अलग राज्य की लड़ाई को आगे बढ़ाने का कार्य किया था। उन्होंने कहा कि वीर शहीद सुनील महतो एक संघर्षशील नेता थे।

कार्यक्रम में बिरसा सोय, रामकृष्ण मुंडारी उर्फ टेने, जोगेन सोय, मोहन सिंह मुंडा, लखन मुंडा, अलका मुंडा, सोमा मुंडा, बीरसिंह मुंडा, रूईया मुंडा, चम्पय मुंडा, रूईया मुंडा, सोमरा मुंडा, सुकरा मुंडा, गासो मुंडा, सुखराम मुंडा, लोलिन मुंडा, गुरुआ मुंडा, बीरसिंह मुंडा, सुखलाल मुंडा, बागुन मुंडा, सोमा मुंडा, मगन मुंडा, मोरा मुंडा, तुराम मुंडा, लखन मुंडा, डेमका कालिंदी, बुधन सरदार, मांगू मुंडा, सोमा हेंब्रम, बासुदेव लोहार, संजय स्वांसि आदि उपस्थित रहे।

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